Biology, asked by sriganeshandco707, 1 year ago

कवक (फंजाई) जगत के वर्गों का तुलनात्मक विवरण निम्नलिखित बिंदुओं पर करोः
(क) पोषण की विधि
(ख) जनन की विधि

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Answered by GauravSaxena01
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कबक :-
सभी कवक पर्णहरित विहीन होते हैं। पता सभी कवक अपना भोजन स्वयं नहीं बनाते हैं। सभी कवक अपने भोजन के लिए दूसरो पर आश्रित होते हैं। अर्थात सभी कवक हिट्रोट्रौपिक होते हैं।

कवको में भोजन ग्लाइकोजन के रूप में संचित होता है। कवकों की कोशिका भित्ति काइटिन की बनी होती है।

कवक संसार में उन सभी जगहों पर पाये जाते हैं जहां जीवित अथवा मृत कार्बनिक पदार्थ पाए जाते हैं. यह खाद्य पदार्थ जैसे रोटी,अचार आदि सभी में पाए जाते हैं।

पोषण विधि के आधार पर कवको के प्रकार:- पोषण विधि के आधार पर कवक तीन वर्गों में विभाजित किया गया है।

१. मृतोपजीवी कवक :- यह वह कवक होते हैं जो अपने भोजन सड़े गले में पदार्थों से प्राप्त करते हैं। पता अपने भोजन के लिए सड़े गले में पदार्थों पर आश्रित रहते हैं।
जैसे :- राइजोपस, पेनिसिलियम, मरसेला इत्यादि।

२. परजीवी कवक:- यह वह कवक होते हैं , जो अपना भोजन दूसरे जंतुओं तथा पौधों से प्राप्त करते हैं। तथा यह कवक अपने भोजन के लिए यह कवक दूसरे जीवो के ऊतकों पर आश्रित रहते हैं।
जैसे :- पक्सनिया, आस्टिलागो, इत्यादि।

३. सहजीवी कवक:- यह वह कवक होते हैं , जो अपने भोजन के लिए शैवालों पर आश्रित रहते हैं। कवक तथा शैवाल एक दूसरे को लाभ पहुंचाते हैं।
लाइकेन सहजीवीता सबसे अच्छा उदाहरण है।

जनन विधि के आधार पर कवकों का वर्गीकरण:-

fragmentation,
budding
producing spores
sexually
homothallic
heterothallic
mycelia
===========
@GauravSaxena01









Answered by poonambhatt213
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(क) फाइकोमाइसिटीज :  कवक के इस समूह में राइजोपस, ऐलबूगो , आदि जैसे सदस्य शामिल हैं।

(i) पोषण की विधि

वे जलीय आवासो, गली - सडी लकड़ी , नम तथा सीलन भरे स्थानों अथवा पौधों पर अविकल्पी परजीवी के रूप में पाए जाते हैं।

(ii) जनन की विधि

अलैंगिक जनन चल बीजाणु के माध्यम से होता है या अचल बीजाणु से होता है जो अंतर्जात रूप से उत्पन्न होते है।

दो युग्मको के संलयन से युगमाणु बनते है।  ये युग्मको की आकारिकी एक जैसी अथवा भिन्न हो सकती है |  

(ख) ऐस्कोमाइसिटीज :  - इस कवक के समूह में पेनिसिलियम, ऐस्परजिलस, क्लेवीसेप और न्यूरोस्पोरा जैसे सदस्य शामिल हैं।

(i) पोषण की विधि

वे मृतजीवी अ पघट परजीवी अथवा समलरागी   (पशुविष्टा पर उगने वाले बढ़ते हैं) हैं।

(ii) जनन की विधि

अलैंगिक  प्रजनन बहिर्जात रूप से उत्पादित अलैंगिक बीजाणुओं (कोनिडिया ) के माध्यम से होता है, जैसे कि कॉनिडीया कोनिडिमधर (कवकजाल ) पर उत्पादित होता है।

लैंगिक प्रजनन लैंगिक बीजाणुओं (ऐस्कस बीजाणु ) के माध्यम से होता है , ये बीजाणु थेलिसम ऐस्कस में अंतःस्रावी रूप से थैली की तरह उत्पन्न होता है और ऐसाइ  एस्कोकार्प्स के अंदर लगी रहती है।

(C) बेसिडिओमाइसिटीज - फंजाई के इस समूह में आस्टिलैगो, ऐगैरिकस  और पक्सिनिया  जैसे सदस्य शामिल हैं।

(i) पोषण की विधि

वे मिट्टी में या लट्ठे  और वृक्ष के ठूँठों पर परजीवी  के रूप में उगते हैं। वे पौधों में परजीवी के रूप में भी होते हैं जैसे की कीट और स्मट्स।

(ii) जनन की विधि

अलैंगिक प्रजनन आमतौर पर विखंडन के माध्यम से होता है। अलैंगिक बीजाणु अनुपस्थित हैं।

इसमें लैंगिक अंग अनुपस्थित हैं, लेकिन लैंगिक प्रजनन प्लाज़्मोगैमी के माध्यम से होता है। इसमें प्लाज़्मोगैमी विभिन्न स्ट्रेनो वाली दो कायिक कोशिकाओं अथवा जिन प्रारूप के संलयन शामिल है। परिणामी द्विकेंद्री सहरचना एक बेसिडियम को जन्म देता है। एक बेसिडियम के अंदर चार बेसिडियम बीजाणु का उत्पादन किया जाता है।

(डी) ड्यूटिरोमाइसिटीज : - कवक के इस समूह में आल्टरनेरिया, ट्राइकोडर्मा, और कोलीटोट्राइकम जैसे सदस्य शामिल हैं।

(i) पोषण का तरीका

कुछ सदस्य मृतजीवी हैं जबकि अन्य परजीवी हैं। लेकिन उनके अधिकांश सदस्य अपशिष्ट के अपघटक होते है।

(ii) प्रजनन की विधि

अलैंगिक प्रजनन, ड्यूटिरोमाइसिटीज में प्रजनन का एकमात्र तरीका है। जो अलैंगिक बीजाणुओं के माध्यम से होता है जिसे कोनिडिया कहा जाता है।

लैंगिक  प्रजनन ड्यूटिरोमाइसिटीज में अनुपस्थित है।

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