कवयित्री ईश्वर को मूल्य क्यों चुका ना चाहती है please give me correct answer. I will mark you brainliest answer and follow you
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कवयित्री के अनुसार ईश्वर सर्वव्यापक है। वह किसी सीमा में नहीं बंधा हुआ है | उसका वास तो स्वयं मनुष्य के हृदय में है। अतः यदि मनुष्य स्वयं को जान लेगा तो वह ईश्वर को पा लेगा।
आशा है यह आपके काम आ सके।
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