कवयित्री के अनुसार कहाँ वकवित्री के अनुसार ईश्वर कहां विद्यमान है
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see down
Explanation:
kavitri ke anusar Ishwar logon ke Kan Kan mein vidyaman hai vah hamesha dusron ke sath rehte Hain sacche bolane walon ke sath rehte Hain jo bhi acche karya Karta hai vah hamesha uski madad karte Hain
Explanation:
कवित्री के अनुसार भगवान लोगों के कण कण में विराजमान हैं और वह हमेशा अच्छे लोगों के साथ रहते हैं और सच बोलने वालों के साथ रहते हैं। कवित्री बताती हैं कि ईश्वर हर व्यक्ति के अंदर ही बसा हुआ है, परंतु मन के चक्कर में पड़ने की अज्ञानता के कारण मनुष्य अपने भीतर के प्रभु को ढूंढ लिया पहचान नहीं पाता है। इसलिए तो कावित्री परमात्मा कोई अपनी साहिबा मानती हैं, क्योंकि वे अपने भविष्य में जाकर ही साईबा को पहचान सकता है। गाना सुना। वह शाहिद को पहचानने का यह उपाय बताती हैं कि मनुष्य को आठ ज्ञानी होना चाहिए ताकि वे अपने अंदर के ईश्वर को सबसे पहले पहचान सकें।
#SPJ5
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