कवयित्री के हृदय से बार बार हूक क्यों उत्पन्न होती है
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(ख) कवयित्री हर क्षण एक ही प्रार्थना करती है कि वह परमात्मा की शरण प्राप्त कर इस जीवन को त्याग दे पर ऐसा हो नहीं रहा। इसी कारण उस के हृदय से बार-बार हूक उत्पन्न होती है।
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अंतर्मन की भावनाओं के कारण।
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