कवयित्री ने जीवन में सुख और दुख को समान महत्व क्यों दी?
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सुख और दुःख जीवन का हिस्सा है। जैसे जीवन में हम सुख को अपनाते है उसी तरह हमें जीवन में आने वाले दुखों को भी अपनाना चाहिए। जैसे हर एक सफलता के बाद सुख आता है वेसे ही हर एक दुःख के पीछे हमारी विफलता छुपी हुई होती है। यह विफलता हमें अपने जीवन में कुछ सीखने का अवसर देता है। अंत, हमे अपना दिल छोटा करने के वजह उस विफलता यानी दुःख को मात देकर जीवन में आगे बढ़नी चाहिए और हमेशा अपना धेरय से काम करनी चाहिए। इसीलिए कवियत्री ने जीवन में दुःख और सुख को समान कहा है।
आशा करती हूं कि आप को मेरा जवाब पसंद आए।
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