Hindi, asked by deeputhapa6417, 7 months ago

Kavi ki drishti mein samay ke a rath ka gharghar naad kya hai spasht Karen

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Answered by Anonymous
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व्यक्ति हो या समाज, सभ्यता हो या संस्कृति, संस्था हो या कोई तंत्र, सबमें परिवर्तन आता है | इस संसार में सबकुछ परिवर्तनशील रहता है | समय का रथ कहीं एक जगह स्थिर नहीं होता, वह हमेशा गतिशील रहता है | राजतंत्र में राजाओं ने राज किया, सामान्य जनता शोषण चक्र में पिसती रही | समय का रथ राजतंत्र पर आकर नहीं रुक गया, वह जनतंत्र की ओर बढ़ा आ रहा है | सत्ता पर एकच्छत्र राज करनेवालों को समय के इस रथ का घर्घर-नाद सुनकर यह समझ लेना चाहिए की उनके दिन लद गए, अब जनता के दिन आनेवाले है | अतः, उन्हें समय के रथ के रास्ते में कोई अवरोध नहीं पैदा करना चाहिए | समय के रथ का घर्घर-नाद जनता की जय का नाद है, जनता की विजय का स्वर है, जनता के अधिकारों को प्रतिष्ठित करने की आवाज है |

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