kavi ko koyal mai isarya kyu hui
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Hey mate
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Which chap is this
Which class pls mention
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कोयल की स्वतंत्रता देखकर कवि को उससे ईर्ष्या हो रही है | कवि कोयल को संबोधित करते हुए कहते हैं कि तुम पूर्ण रूप से स्वतंत्र हो कोयल, पूरा आसमान तुम्हारा ठिकाना है, तुम्हारे गीतों पर लोगों की प्रशंसापूर्वक तालियाँ बज उठती हैं | परन्तु, इसके विपरीत मेरे नसीब में पराधीनता की काली रात है, जेल के चार दीवारी के भीतर ही मेरा काला संसार है, मैं चीखता-रोता भी हूँ, तो कोई मेरे आँसू पोंछने नहीं आता, मानो मेरा रोना कोई बहुत बड़ा गुनाह हो | हमारी परिस्थितियाँ अलग-अलग हैं |
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