Kavi Ne chir Mahan Kise kaha hai ?sumitranandan panti ka
prashn
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Kavi ne chir Mahan prakerty ko kaha h
कवि ने चिर महान सत्य, सुंदर, शक्ति और प्राण को कहा है। अर्थात जीवन में यदि सत्य यानि वास्तविक ज्ञान की, शक्ति ईश्वर के सच्चे स्वरूप की और सुंदर यानि जीवन के वास्तविक स्वरूप का अनुभव हो जाये तो ये जीवन सार्थक बन जाये। कवि के अनुसार इन चिर महान को प्राप्त करने से ही मनुष्यता की रक्षा हो सकेगी और वो महान बन सकेगा।
जग-जीवन में जो चिर महान,
सौंदर्य पूर्ण और सत्यप्राण,
मैं उसका प्रेमी बनूँ नाथ !
जिससे मानव हित हो सामान !
जिससे जीवन में मिले शक्ति ,
छूटे भय-संशय, अंध-भक्ति,
मैं वह प्रकाश बन सकूँ नाथ !
मिल जावे जिनमें अखिल व्यक्तित्व !
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