Hindi, asked by Purestwater57, 8 months ago

Kavi ne Ramayana ke kis prasang ka ullakha kiya he? Sagar trahi- trahi karta Hua ram ke charnio me kiu aa gira?

Answers

Answered by rupeshwagh85572
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कथा प्रारम्भ होत है, सुनहु वीर हनुमान ।

राम लक्षमण जानकी, करहुँ सदा कल्याण ॥

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि । 

बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ॥

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरो पवन कुमार । 

बल बुद्धि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार ॥

श्री गणेशाय नमः 

श्रीजानकीवल्लभो विजयते

श्रीरामचरितमानस

पञ्चम सोपान

सुन्दरकाण्ड

शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं

ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम् ।

रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं

वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूड़ामणिम्॥१॥

नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽस्मदीये

सत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा।

भक्तिं प्रयच्छ रघुपुङ्गव निर्भरां मे

कामादिदोषरहितं कुरु मानसं च॥२॥

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं

दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।

सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं

रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥३॥

श्रवन सुजसु सुनि आयउँ प्रभु भंजन भव भीर ।

त्राहि त्राहि आरति हरन सरन सुखद रघुबीर ॥

सखा सोच त्यागहु बल मोरें । सब बिधि घटब काज मैं तोरें ॥

प्रबिसि नगर कीजे सब काजा । हृदयँ राखि कौसलपुर राजा ॥

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