Hindi, asked by vandanatyagi919, 8 months ago

kavita on hariyali khushali ka rup ​

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Answered by KRPS500
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हरियाली-हरियाली, देखो कैसी हरियाली

हरियाली-हरियाली, चारों ओर है हरियाली

हरियाली का मौसम कैसा, कैसा इसका रूप है

शाम इसकी लगे हरी सी, मखमली सी धूप है

सूरज भी जब निकले तो, निखरे उसकी लाली,

हरियाली-हरियाली…

उड़ते हुए ये पक्षी जब, फसलों पर जा बैठें

दाना चुगते हैं मस्ती से, अंगड़ाई भी लेते

सारे पक्षी शोर मचाते, गाती कोयल काली,

हरियाली-हरियाली…

ओस की बूंदें पड़ें कभी जब, पत्तों से ये फिसलें तब

खुशबू लेकर भीगे धरती, खिल जाता है सारा नभ,

वृक्ष लगाएं-प्रण लें सब, सजी हो धरती ले हरियाली

हरियाली-हरियाली, देखो कैसी हरियाली,

हरियाली-हरियाली, चारों ओर है हरियाली।।

कितनी अच्छी लगती है.

जिधर नज़र आती हरियाली.

आँखो को तृप्ति देती है.

मन को हर्षाती हरियाली.

हवा मे झूमते पेड़ों के पत्ते.

और झुकी फूलों से डाली.

अपने घर में तुम भी कुछ

अपनी पसंद के फूल लगाओ.

उनको उगता-बढ़ता देखो

और इसका आनंद उठाओ.

प्रकृति की इस अद्भुत देन से

नाता जोड़ो तालमेल बिठाओ.

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