kavita-yamraj ki disha,Q-1
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hey dear....!!
1. कवि को दक्षिण दिशा पहचानने में कभी मुश्किल क्यों नही हुई?
उत्तर
माँ ने बताया था कि दक्षिण दिशा में यमराज का घर होता है। इस दिशा में पैर करके कभी नही सोना चाहिए नही तो यमराज रुष्ट होते हैं। उन्होंने इसका जीवन भर पालन किया इस कारण उन्हें दक्षिण दिशा को पहचानने में कभी मुश्किल नही हुई।
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1. कवि को दक्षिण दिशा पहचानने में कभी मुश्किल क्यों नही हुई?
उत्तर
माँ ने बताया था कि दक्षिण दिशा में यमराज का घर होता है। इस दिशा में पैर करके कभी नही सोना चाहिए नही तो यमराज रुष्ट होते हैं। उन्होंने इसका जीवन भर पालन किया इस कारण उन्हें दक्षिण दिशा को पहचानने में कभी मुश्किल नही हुई।
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यमराज की दिशा नामक कविता में चारो और फैलती विनाशकारी और शोषक शक्तियो की और संकेत किया गया है । कवि की माँ कवि को बताया करती थी की वह ईश्वर से बात करती है । ईश्वर ने उसे बताया था की यमराज दक्षिण दिशा में रहता है ।
अतः दक्षिण की तरफ पैर करके कभी मत सोना । यमराज मृत्यु का देवता है। अगर दक्षिण की तरफ पैर करके सोये तो यमराज क्रुद्ध हो जाएगा और यमराज को क्रोधित करना अच्छा नहीं होता । कवि ने ऐसा ही किया ।
ऐसा करने से कवी को लाभ भी हुआ । यह लाभ था की वह कभी भी दिशा नहीं भुला । वह यमराज का घर देखना चाहता था । वह दक्षिण दिशा में दूर दूर तक भी गया । पर अफ़सोस वह कभी भी दक्षिण दिशा के छोर तक नहीं पहुँच सका ।
क्योंकि दक्षिण दिशा अनंत है ।
★ AhseFurieux ★
अतः दक्षिण की तरफ पैर करके कभी मत सोना । यमराज मृत्यु का देवता है। अगर दक्षिण की तरफ पैर करके सोये तो यमराज क्रुद्ध हो जाएगा और यमराज को क्रोधित करना अच्छा नहीं होता । कवि ने ऐसा ही किया ।
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