kavitri ke anusar manushya ke liye band dhuar kab khulenge
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कवित्री के अनुसार मनुष्य के लिए बंद द्वार तभी कोई सकेंगे जब मनुष्य दोनों के बीच का मार्ग अपना आएगा यानी की याद ना तो वह मोह माया के बंधन के चक्कर में पड़ेगा और ना ही त्यागी तपस्वी बनेगा बनना चाहिए क्योंकि यदि मनुष्य मोह माया के चक्कर में पड़ जाएगा तो वह ईश्वर की श्रेष्ठ भक्ति नहीं कर पाए और यदि वह जागी तपस्वी बन जाएगा तो उसे लगेगा कि वह तो अन्य मनुष्यों से श्रेष्ठ है उसके मन में अहंकार का भाव आ जाएगा और वह ईश्वर की श्रेष्ठ भक्ति नहीं कर पाएगा इसलिए जब मनुष्य दोनों के बीच का मार्ग अपनाया था तभी बंद द्वार उसके लिए खुलेंगे।
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Answer:
कवित्री के अनुसार मनुष्य के लिए बंद द्वार तभी कोई सकेंगे जब मनुष्य दोनों के बीच का मार्ग अपना आएगा यानी की याद ना तो वह मोह माया के बंधन के चक्कर में पड़ेगा और ना ही त्यागी तपस्वी बनेगा बनना चाहिए क्योंकि यदि मनुष्य मोह माया के चक्कर में पड़ जाएगा तो वह ईश्वर की श्रेष्ठ भक्ति नहीं कर पाए और यदि वह जागी तपस्वी बन जाएगा तो उसे लगेगा कि वह तो अन्य मनुष्यों से श्रेष्ठ है उसके मन में अहंकार का भाव आ जाएगा और वह ईश्वर की श्रेष्ठ भक्ति नहीं कर पाएगा इसलिए जब मनुष्य दोनों के बीच का मार्ग अपनाया था तभी बंद द्वार उसके लिए खुलेंगे