Kavitri ne apna Jeevan kaise beeta
Answers
Answered by
1
Answer:
वाख में 'रस्सी' शब्द मनुष्य की साँसों के लिए प्रयुक्त हुआ है। इसके सहारे वह शरीर-रूपी नाव को इस संसार रुपी सागर में खींच रहा है। ... अर्थात् मनुष्य की साँसे कब रुक जाए , इसका कुछ पता नहीं है। भाव – कवयित्री ने अपना सारा जीवन सांसारिक वासनाओं में फंसकर व्यर्थ गँवा दिया।
Similar questions