Kavya me chand ka kya mahtva hai
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Heya...
Here's your answer.....
छंद के अंग
छंद के निम्नलिखित अंग होते हैं -
गति - पद्य के पाठ में जो बहाव होता है उसे गतिकहते हैं।
यति - पद्य पाठ करते समय गति को तोड़कर जो विश्राम दिया जाता है उसे यति कहते हैं।
तुक - समान उच्चारण वाले शब्दों के प्रयोग को तुककहा जाता है। पद्य प्रायः तुकान्त होते हैं।
मात्रा - वर्ण के उच्चारण में जो समय लगता है उसे मात्रा कहते हैं। मात्रा २ प्रकार की होती है लघु और गुरु। ह्रस्वउच्चारण वाले वर्णों की मात्रा लघु होती है तथा दीर्घ उच्चारण वाले वर्णों की मात्रा गुरु होती है। लघु मात्रा का मान १ होता है और उसे। चिह्न से प्रदर्शित किया जाता है। इसी प्रकार गुरु मात्रा का मान मान २ होता है और उसे ऽ चिह्न से प्रदर्शित किया जाता है।
गण - मात्राओं और वर्णों की संख्या और क्रम की सुविधा के लिये तीन वर्णों के समूह को एक गण मान लिया जाता है। गणों की संख्या ८ है - यगण (।ऽऽ), मगण (ऽऽऽ), तगण (ऽऽ।), रगण (ऽ।ऽ), जगण (।ऽ।), भगण
Thanks...!!!
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Sorry baby 'wink'
you know better than me
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