Hindi, asked by 32himmat, 11 months ago

कया आपको अपने द्वारा कि गई कोई शरारत याद हैं, उसे अपने किसी दोस्त को खत लिखकर साझा कीजिए।​

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Answered by shishir303
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       अपनी द्वारा की गई किसी शरारत के लिये मित्र को पत्र

प्यारे दोस्त दिव्यांश,

कल तुम्हारा खत मुझे मिला। तुमने कई मजेदार बातें लिखीं। पढ़ कर मैं बहुत अच्छा हँसा। मैं भी तुम्हें अपनी एक ऐसी शरारत के बारे में बताना चाहूंगा। जो मैंने कुछ समय पूर्व की थी। वो याद करके आज हँसी भी आ जाती है और कभी-कभी पछतावा भी होता है।

दरअसल हुआ ये कि एक दिन हमारे घर में पूजा का कोई कार्यक्रम था। मेरी माँ ने बहुत सारे पकवान बनाए थे और एक पंडित जी को खाने पर बुलाया था। पंडित जी ने पूजा संपन्न की और खूब डटकर खाया। पंडित जी बहुत दूर से आए थे। खाना खाने के कारण उन्हें नींद आने लगी दोपहर का समय था। तो माँ ने कहा आप भी आराम कर लीजिए शाम को घर चले जाइएगा तो पंडित जी आंगन में एक चारपाई पर सो गए। हम लोग आंगन में खेल रहे थे। हमने देखा कि पंडित जी की चुटिया बहुत लंबी थी और चारपाई से नीचे लटक रही थी। हम दोनों भाई बहन को एक शरारत सूझी और हमने उनकी चुटिया में एक मोटा सा धागा बांधकर धागे का दूसरा सिरा चारपाई के पाए से बांध दिया और फिर हम लोग बाहर जाकर छुप गये और पंडित जी के जगने का इंतजार करने लगे।

जब पंडित जी बहुत देर बाद जगे तो जैसे ही उन्होंने उठने की कोशिश की तो उनकी चोटी बंधी होने के कारण उनका सिर अटक गया। उनकी चोटी खिंच गई और वह चिल्ला उठे। हम लोग पीछे छुपे यह देखकर हंसने लगे। तभी मेरी माँ दौड़ती हुई आई और उन्होंने जल्दी से पंडित जी की चुटिया खोली और पंडित जी से माफी मांगने लगी। माँ ने कहा यह जरूर मेरे बच्चों की शरारत होगी। मैं उनकी तरफ से आपसे माफी मांगती हूँ। पंडित जी फिर बढ़-बढ़ाते हुए चले गए। हम लोग काफी देर तक हँसते रहे। बाद में हमारी माँ ने हमें बहुत डांटा और समझाया कि घर पर आये किसी भी मेहमान के साथ ऐसी शरारत नही करनी चाहिये। अपनी शरारत याद करके आज भी हँसी आ जाती है और पछतावा भी होता है।

खत काफी लंबा हो गया, बाकी बातें अगले खत में होंगी।

तुम्हारा दोस्त,

श्रेयस

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