Kedarnath Agrawal ke Pramukh kritiyan likhen
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'युग की गंगा', 'नींद के बादल', 'लोक और आलोक', 'फूल नहीं रंग बोलते हैं', 'आग का आईना', 'गुलमेहँदी', 'पंख और पतवार', 'हे मेरी तुम' और 'अपूर्वा' इनके मुख्य काव्य-संग्रह हैं। इनके कई निबंध-संग्रह भी प्रकाशित हैं। ये साहित्य अकादमी तथा 'सोवियत लैंड नेहरू' पुरस्कार से सम्मानित हुए।
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