kendriya bhav likhiye raidas ke padh
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पहला पद – रैदास के पहले पद का केंद्रीय भाव यह है कि वे उनके प्रभु के अनन्य भक्त हैं। ... दूसरा पद – रैदास के दूसरे पद का केंद्रीय भाव यह है कि उसके प्रभु सर्वगुण संपन्न, दयालु और समदर्शी हैं। वे निडर है तथा गरीबों के रखवाले हैं। ईश्वर अछूतों के उद्धारक हैं तथा नीच को भी ऊँचा बनाने की क्षमता रखनेवाले सर्वशक्तिमान हैं।
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