Hindi, asked by simranpetwal2003, 5 months ago

ख-आज जब सारी दुनिया में गए भारतीय अपने मातृदेश की ओर देख रहे हैं कि अपने देश, भाषा
और संस्कृति के साथ-साथ जुड़ाव और प्रगाढ़ हो तो ब्रिटेन के भारतीय इस स्थिति से अपने को अलग
कैसे रख सकते हैं। भारत के ब्रिटेन के साथ ऐतिहासिक संबंध रहे हैं। इसके चलते भारतीय मूल के
लोग बड़ी संख्या में ब्रिटेन में हैं। यहाँ तक कई नगरों में वे बहुसंख्यक हो गए हैं जैसे लेस्टर में। उनके
सामने सवाल यह था कि वे किस तरह अपनी संस्कृति, अपनी पहचान, अपनी विशिष्टता को बनाए रखें।
इसके लिए जरूरी था कि अपनी भाषा को बचाया जाए और अगली पीढ़ी को अपनी विरासत सौंपी जाए।
जहाँ तक हिंदी की स्थिति है, आज से लगभग 14 वर्ष पूर्व किए गए अपने हिंदी
संबंधी सर्वेक्षण में कैंब्रिज विश्वविद्यालय के प्राध्यापक सत्येंद्र श्रीवास्तव ने स्पष्ट किया था कि हिंदी का
अपना कोई क्षेत्र या सीमा नहीं है अर्थात् हिंदी के लोग किसी क्षेत्र विशेष में नहीं रहते जैसे कि गुजराती,
पंजाबी या बंगला भाषी, परंतु हिंदी भाषियों में अपनी भाषा को साहित्यिक और शैक्षिणिक क्षेत्र में जीवंत
रखने की ललक दिखाई देती है।
हिंदी एक संपर्क भाषा के रूप में भारत में भी इस्तेमाल की जाती है और विदेशों में
रहने वाले भारतीय भी आपसी आत्मीय बातचीत के लिए हिंदी का इस्तेमाल करते हैं। ब्रिटेन में
पाकिस्तानी भी बड़ी संख्या में हैं। वे अपनी बातचीत में उर्दू का प्रयोग करते हैं जो बोलचाल की दृष्टि से
हिंदी से भिन्न नहीं है। अतः बोलचाल की दृष्टि से पंजाबी, गुजराती, बंगाली, दक्षिण भारतीय और
दक्षिण एशिया के विभिन्न देशों से आए लोग हिंदी का ही संपर्क भाषा के रूप में इस्तेमाल करते हैं।​

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Answered by nikitabisht96
0

Answer:

ha shi baat hai....

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