(ख) अपने नगर के चिड़ियाघर को देखने पर वहाँ की अव्यवस्था से आपको बहुत दुःख हुआ| इस अव्यवस्था के प्रति चिड़ियाघर के निदेशक का ध्यान आकृष्ट करते हुए एक पत्र लिखें।
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Answer:
17 सितंबर, 2012
विषय : चिडियाघर की सैर का अनुभव
प्रिय आस्था,
शुभाशीष।
आशा है, तुम स्वस्थ एवं सानंद होगी। परसों हम कुछ दोस्त चिडियाघर देखने गए थे। वहाँ हमने शेर, बाघ और हिरन न जाने कितने ही वन्य जंतु देखे। तरह-तरह की चिड़िया चहचहा रही थीं। मगरमच्छ तथा हंस पानी में तैर रहे थे। दरियाई घोड़ा अपने ऊपर कीचड़ उछालकर मौज-मस्ती कर रहा था।
परंतु सब-कुछ देखने के बाद एक विचार आया कि प्रकृति के प्रिय ये जीव यहाँ बंद स्थानों में अपने आपको गुलाम की समझते हैं। सभी के चेहरों पर मायूसी झलकती है। हिरन की वह उछाल और शेर की दहाड़ जैसे गायब-सी हो गई है। भुखमरे बंदर तत्काल झपट पड़ते हैं जब उन्हें कोई वस्तु खाने के लिए दी जाती है। मेरा अनुभव कुछ अच्छा नहीं रहा। इन वन्य प्राणियों को प्रकृति की उन्मुक्त गोद ही चाहिए-बंद पिंजरे नहीं। काश! हम कुछ कर पाते। अपने विचार लिखना–
तुम्हारा भाई
शरद
Explanation:
यह पत्र चिडयाघर कि सैर के बारेमे हैं|
Is prasn ka utar meri pustak me hai
Bhut mehnat se mili hai
Kripya mujhe like kare..
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