Math, asked by dewaganharish0, 1 month ago

(ख) बाबा साहेब भीमराव अम्बेदकर के अनुसार जाति प्रथा को स्वाभाविक श्रम
विभाजन क्यों नहीं माना जा सकता?​

Answers

Answered by jigardharva291099
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Answer:

जाति-प्रथा को यदि श्रम विभाजन मान लिया जाए, तो यह स्वाभाविक विभाजन नहीं है, क्योंकि यह मनुष्य की रुचि पर आधारित नहीं है। कुशल व्यक्ति या सक्षम-श्रमिक-समाज का निर्माण करने के लिए यह आवश्यक है कि हम व्यक्तियों की क्षमता इस सीमा तक विकसित करें, जिससे वह अपना पेशा या कार्य का चुनाव स्वयं कर सके।

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