(ख) बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की
'बरस बाद सुधि लीन्हीं'
बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की.
हरसाया ताल लाया पानी परात भर के।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
क्षितिज अटारी गहराई दामिनी दमकी,
'क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की।
बाँध टूटा झर-झर मिलन के अश्रु ढरके।
(i) बूढ़े पीपल ने मेघों का स्वागत किस प्रकार किया
in 'बरस बाद सुधि लीन्हीं'-पंक्ति का क्या आशय
(iii) 'ताल' ने अपना हर्ष किस प्रकार प्रकट किया ?
(iv) शब्दार्थ लिखिए- जुहार, अकुलाई, किवार, क्षितिज।
those who give right answer
they will be marked as an brainlist
Answers
Answered by
2
बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की
'बरस बाद सुधि लीन्हीं'
बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की.
हरसाया ताल लाया पानी परात भर के।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
क्षितिज अटारी गहराई दामिनी दमकी,
'क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की।
बाँध टूटा झर-झर मिलन के अश्रु ढरके।
(i) बूढ़े पीपल ने मेघों का स्वागत किस प्रकार किया?
➲ बूढ़े पीपल में मेघों का सिर झुकाकर स्वागत किया।
(ii) 'बरस बाद सुधि लीन्हीं'-पंक्ति का क्या आशय है।
➲ बरस बाद सुधि लीन्हीं का आशय हैं कि बहुत दिनों बाद हमारी याद आई।
(iii) 'ताल' ने अपना हर्ष किस प्रकार प्रकट किया ?
➲ ताल ने अपना हर्ष परात भर अपना पानी लाकर प्रकट किया।
(iv) शब्दार्थ लिखिए- जुहार, अकुलाई, किवार, क्षितिज।
➲ जुहार - स्वागत-अगवानी
अकुलाई - व्याकुल, बेचैन
किवार - किवाड़, दरावाजा
क्षितिज - आकाश, धरती आसमान का मिलन स्थल
Similar questions
CBSE BOARD X,
5 months ago
Social Sciences,
5 months ago
Biology,
10 months ago
Math,
10 months ago
Computer Science,
1 year ago
Economy,
1 year ago
Hindi,
1 year ago