खंड-ग
प्रथ-5 निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए 16
दूसरा घिसा टायर लगाकर बस फिर चली। अब हमने वक्त पर पन्ना पहुंचने की उम्मीद छोड़
दी थी। पन्ना कभी भी पहुंचने की उम्मीद छोड़ दी थी। पन्ना क्या, कहीं भी,कभी भी पहुंचने
की उम्मीद छोड़ दी थी। लगता था, जिंदगी इसी बम में गुजारनी है और इससे सीधे उस
लोक को प्रयाण कर जाना है। इस पृथ्वी पर उसकी कोई मंजिल नहीं है। हमारी बेताबी,
तनाव खत्म हो गए हम बड़े इत्मीनान से घर की तरह वैठ गए। चिंता जाती रही। हंसी-
मजाक चालू हो गया।
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(क) प्रस्तुत गद्यांश किस पाठ में लिए गए है,और इसके लेखक कौन हैं ?
(ख) हंसी-मजाक क्यों चालू हो गया?
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(क) यहां गद्यांश बस की यात्रा पठ से लिया गया है
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we don't know
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'..........................,.................,...........,............,
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