खंड ग
(पाठ्य पुस्तक एवं पूरक पुस्तक)
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[IIm(1)- निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दीजिए
X3-6)
दोनों मित्र जान हथेलियों पर लेकर लपके । साँड को भी संगठित शत्रुओं से लड़ने का तजुरबा
न था । वह तो एक शत्रु से मल्ल - युद्ध करने का आदी था। ज्यों ही हीरा पर झपटा , मोती
ने पीछे से दौड़ाया । साँड उसकी तरफ मुडा , तो हीरा ने रगेदा । सांड चाहता था कि एक-एक
करके दोनों को गिरा ले पर ये दोनों भी उस्ताद थे। उसे वह अवसर न देते थे। एक बार साँड
झल्लाकर हीरा का अंत कर देने के लिए चला कि मोती ने बगल से आकर पेट में सींग भोक
दिया। साँड क्रोध में आकर पीछे फिरा हीरा ने दूसरे पहलू में सींग चुभा दिया।
क- ' साँड को भी संगठित शत्रुओं से लड़ने का तजुरबा न था इस कथन का आशय स्पष्ट
कीजिए।
ख..साँड को हराने के लिए हीरा मोती ने क्या किया?
ग-दोनों मित्र कौन ये और वे सॉड की तरफ क्यों लपके ?
Answers
Answer:
1917 की रूसी क्रांति बीसवीं सदी के विश्व इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना रही। 1789 ई. में फ्रांस की राज्यक्रांति ने स्वतंत्रता, समानता और भ्रातृत्व की भावना का प्रचार कर यूरोप के जनजीवन को गहरे स्तर पर प्रभावित किया। रूसी क्रांति की व्यापकता अब तक की सभी राजनीतिक घटनाओं की तुलना में बहुत विस्तृत थी। इसने केवल निरंकुश, एकतंत्री, स्वेच्छाचारी, ज़ारशाही शासन का ही अंत नहीं किया बल्कि कुलीन जमींदारों, सामंतों, पूंजीपतियों आदि की आर्थिक और सामाजिक सत्ता को समाप्त करते हुए विश्व में मजदूर और किसानों की प्रथम सत्ता स्थापित की। मार्क्स द्वारा प्रतिपादित वैज्ञानिक समाजवाद की विचारधारा को मूर्त रूप पहली बार रूसी क्रांति ने प्रदान किया। इस क्रांति ने समाजवादी व्यवस्था को स्थापित कर स्वयं को इस व्यवस्था के जनक के रूप में स्थापित किया। यह विचारधारा 1917 के पश्चात इतनी शक्तिशाली हो गई कि 1950 तक लगभग आधा विश्व इसके अंतर्गत आ चुका था।
Explanation:
be positive think