Hindi, asked by singhvajinder98, 10 months ago

खंड 'क'
1. निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
संसार के सभी देशों में शिक्षित व्यक्ति की सबसे पहली पहचान यह होती है कि वह अपनी मातृभाषा में दक्षता से काम
कर सकता है। केवल भारत ही एक देश है जिसमें शिक्षित व्यक्ति वह समझा जाता है जो अपनी मातृभाषा में दक्ष हो
या नहीं, किंतु अंग्रेजी में जिसकी दक्षता असंदिग्ध हो। संसार के अन्य देशों में सुसंस्कृत व्यक्ति वह समझा जाता है
जिसके घर में अपनी भाषा की पुस्तकों का संग्रह हो और जिसे बराबर यह पता रहे कि उसकी भाषा के अच्छे लेखक
और कवि कौन हैं तथा समय समय पर उनकी कौन-सी कृतियाँ प्रकाशित हो रही हैं। भारत में स्थिति दूसरी है। यहाँ
प्रायः घर में साज सज्जा के आधुनिक उपकरण तो होते हैं किंतु अपनी भाषा की कोई पुस्तक या पत्रिका दिखाई नहीं
पडती। यह दरवस्था भले ही किसी ऐतिहासिक प्रक्रिया का परिणाम है, किंतु वह सुदशा नहीं, दुरवस्था ही है और जब
तक यह दरवस्था कायम है, हमें अपने आप को, सही अर्थों में शिक्षित और सुसंस्कृत मानने का ठीक-ठीक न्यायसंगत
अधिकार नहीं है।
प्रश्न- 1. उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
2. 'दुरवस्था' में कौन सा उपसर्ग है?
3. यहाँ किस ऐतिहासिक प्रक्रिया की ओर संकेत है?
4. भारत में शिक्षित व्यक्ति किसे माना जाता है?
5. संसार के अन्य देशों में सुसंस्कृत व्यक्ति किसे मानते हैं?only q 1​

Answers

Answered by baneetakumari9
2

Answer:

उपयुक्त शीर्षक मातृभाषा हो सकता है

Answered by tushargupta0691
0

Answer:

1. उपयुक्त शीर्षक "मातृभाषा" है, क्योंकि संपूर्ण  गद्यांश "मातृभाषा" पर आधारित है।

2. 'दुरवस्था' में  'दुर' उपसर्ग है I उपसर्ग एक प्रत्यय है जो किसी शब्द के तने से पहले रखा जाता है। इसे एक शब्द के शुरुआत में जोड़ने से यह दूसरे शब्द में बदल जाता है। जैसे- अ+भाव= अभाव I

3. यहाँ प्रायः घर में साज सज्जा के आधुनिक उपकरण तो होते हैं किंतु अपनी भाषा की कोई पुस्तक या पत्रिका दिखाई नहीं पडती, ऐतिहासिक प्रक्रिया की ओर संकेत है Iयह दरवस्था भले ही किसी ऐतिहासिक प्रक्रिया का परिणाम है, किंतु वह सुदशा नहीं, दुरवस्था ही है और जब तक यह दरवस्था कायम है, हमें अपने आप को, सही अर्थों में शिक्षित और सुसंस्कृत मानने का ठीक-ठीक न्यायसंगत अधिकार नहीं है।

4. भारत में शिक्षित व्यक्ति वह समझा जाता है जो अपनी मातृभाषा में दक्ष हो या नहीं, किंतु अंग्रेजी में जिसकी दक्षता असंदिग्ध हो। भारत में स्थिति दूसरी है। यहाँ प्रायः घर में साज सज्जा के आधुनिक उपकरण तो होते हैं किंतु अपनी भाषा की कोई पुस्तक या पत्रिका दिखाई नहीं पडती।

5. संसार के अन्य देशों में सुसंस्कृत व्यक्ति वह समझा जाता है जिसके घर में अपनी भाषा की पुस्तकों का संग्रह हो और जिसे बराबर यह पता रहे कि उसकी भाषा के अच्छे लेखक और कवि कौन हैं तथा समय समय पर उनकी कौन-सी कृतियाँ प्रकाशित हो रही हैं।

#SPJ3

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