खंडाक)
1. निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए,
1x5=5
साहसी मनुष्य का जीवन ही सच्चा जीवन होता है। साहसी मनुष्य अपने उद्देश्य के लिए बढ़ते रहते हैं।
वास्तव में साहसी लोग ही संसार की शक्ति होते हैं। साहसी लोग अपने मार्ग पर अकेले ही बढ़ते हैं, जैसे जंगल में शेर
अकेला रहता है । डरपोक लोग ही भेड़ों की तरह झुंड बनाकर रहते हैं। संकट झेलना ही जीवन का स्तर दिखाता है।
जो संकटों से बचता है, वह वास्तविक जीवन से कोसों दूर होता है। जीवन में संकटों का सामना करना एक पूँजी है।
जो इस पूँजी को जितनी मात्रा में लगाता है, उसी मात्रा में उसका फल पाता है। जीवन को अनंत मानकर आगे बढ़ने
वाला मनुष्य ही जीवन के रहस्य को प्राप्त कर सकता है। जीवन का साधक थोड़े से सुकून से संतुष्ट नहीं होता बल्कि वह
हिम्मत से सबसे ऊँची चोटी का फल तोड़कर खाना चाहता है, गमर के अंदर गोता लगाकर तल से मोती पाना
चाहता है। उसके लिए दुर्लभ कुछ भी नहीं है। वह जंगल में भी अपना मार्ग बना ही लेता है ।
1) साहसी व्यक्ति में क्या-क्या विशेषताएँ होनी चाहिए?
क) वह सच के मार्ग पर चलता है।
ख) वह ईमानदार है।
ग) वह हमेशा आगे की ओर जाता है।
घ) उपर्युक्त सभी।
2) जीवन का वास्तविक सार क्या है?
क) हिम्मत से आगे बढ़ना है।
ख) डरपोक बनकर जीना है।
ग) दोनों सही हैं।
3) दोनों गलत है।
ग) जीवन का साधक क्या चाहता है?
क) हिम्मत से सबसे ऊँची चोटी का फल तोडकर खाना चाहता है।
ख) सागर के अंदर गोता लगाकर तल से मोती पाना चाहता है।
ग) वह जंगल में भी अपना मार्ग बना ही लेता है।
घ) दिये गये सभी।
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Answer:
1 उपर्युक्त सभी
2। हिम्मत से आगे बढ़ना
3। दिए गए सभी
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