खंड-क
1.निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए। (4 अंक) (20 min)
शहरी जीवन में समस्याएं आए दिन पैदा होती रहती है जिनकाशीघ्र समाधान ना ढूंढाजाए तो
समाज में असुरक्षा तथा अन्याय-अनाचारकी भावना प्रबल होती जाएगी। अतः पारिवारिक
अदालतों की स्थापना का निर्णय अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इन अदालतों के सूझ-बूझ भरे
फैसले किसी भी टूटते हुए परिवार की शांतिको नया जीवन प्रदान कर सकते हैं। इन
अदालतों के मामले - मुकदमे तूल पकड़ने के पहले ही सुलझा दिए जाएंगे। आपसी विचार
विमर्श और समझौते काभाव प्रबल हो सकेगा तथा कानूनी दांव-पेंचों की दुर्दशा से परिवारों
की रक्षा हो सकेगी। न्यायालयके बढ़ते हुए खर्च से भी लोगराहत पा सकेंगे, साथ ही सरकारी
न्यायालयों पर कामका बोझ कमहो सकेगा और आम जनता को समय पर न्याय मिल
सकेगा।
पारिवारिक अदालतें विश्व के अनेक देशों में अच्छा कामकर रही है। ब्रिटेन,जापान,
ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में इन अदालतों ने समाज को काफी लाभपहुंचाया है। भारत में अभी
इनकी शुरुआत हुई है तथा इनकी सफलता के प्रतिकाफी आशाएं हैं। भारत में पारिवारिक
अदालतों की नितांत आवश्यकता है, क्योंकि इस देश की बहुसंख्यक जनता अशिक्षित,निर्धन
तथा समस्याओं से ग्रस्त है।
1. समाज में असुरक्षा, अन्याय, अनाचार के बढ़ने के क्या कारण है?
2. इन अदालतों से कौन सा भाव प्रबल हो सकेगा?
3. भारत में पारिवारिक अदालतों की नितांत आवश्यकता है क्यों?
4. परिवार-शब्द का वर्ण विच्छेद कीजिए।
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समाज में असुरक्षा तथा अन्याय-अनाचारकी भावना प्रबल होती जाएगी
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Answer:
समाज में असुरक्षा तथा अन्याय अत्याचार बढ़ते जाएंगे ।
Explanation:
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