Hindi, asked by aqnagaming4, 3 months ago

खंड क
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प्रश्न 1. निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए - 10
हम किसी भी वस्तु को पकड़ कर नहीं रख सकते। किंतु यदि हम सतह के नीचे बहते सत्य रूपी प्रभाव के सौंदर्य की सराहना
कर पाते हैं तो हम एक ऐसी वास्तविकता का आनंद ले सकते हैं जो सुख और दुख की चंचल लहरों से कहीं अधिक स्थिर है।
मैं एक आज्ञाकारी छात्र के समान बैठा अपने शिक्षक से सीखने का प्रयत्न कर रहा था। गंगा अपने पद का आरंभ उत्तराखंड
के हिमालय की ऊंचाइयों में गोमुख से करती है और गंगासागर तक अविरल बहती है।असंख्य बाधाएँ। जैसे विशाल शिलाएँ
गिरे पेड़ और पहाइ उसका मार्ग रोकते हैं , किंतु सागर तक की यात्रा को कोई नहीं रोक पाता है । अत्यंत सुंदरता के साथ
सभी बाधाओं के ऊपर से कभी उन्हें बगल में छोड़कर निरंतर गतिशील रहती है यह उसकी महिमा है।
प्रश्न - 1. गंगा कहां से आरंभ होती है?
2.गद्यांश में प्रयुक्त महिमा शब्द का भेट बताइए।
3. सुंदरता शब्द में प्रत्यय बताइए।
4.गंगा की महिमा क्या है?
5.गंगा अपना मार्ग कैसे तय करती है?​

Answers

Answered by Larnyx
1

Answer:

1. गंगा अपने पद का आरंभ उत्तराखंड

के हिमालय की ऊंचाइयों में गोमुख से करती है

2. यहां महिमा शब्द का अर्थ है कि हमें सभी कठिनाईयो को पार करके अपने पथ पर निरंतर आगे बड़ते रहना चाहिए।

3. अत्यंत

4. अत्यंत सुंदरता के साथ

सभी बाधाओं के ऊपर से कभी उन्हें बगल में छोड़कर निरंतर गतिशील रहती है यह उसकी महिमा है।

5. गंगा अपना मार्ग हिमालय कि गोद से प्रारंभ करके अनेक कठिनाईयो का सामना करके अपने लक्ष्य बंगालकीखाड़ी से होती हुई हिन्द महासागर में जा मिलती है

Explanation:

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Answered by anshu24497
3

प्रश्न: 1 गंगा कहां से आरंभ होती है ?

उत्तर: गंगा अपने पद का आरंभ उत्तराखंड के हिमालय की ऊंचाइयों में गोमुख से करती है ।

प्रश्न: 2 गद्यांश में प्रयुक्त महिमा शब्द का भेट बताइए।

उत्तर: गद्यांश में प्रयुक्त महिमा शब्द का भेट - शोभा है।

प्रश्न: 3 सुंदरता शब्द में प्रत्यय बताइए।

उत्तर: सुंदरता शब्द में 'ता' प्रत्यय है ।

प्रश्न: 4 गंगा की महिमा क्या है ?

उत्तर: अत्यंत सुंदरता के साथ सभी बाधाओं के ऊपर से कभी उन्हें बगल में छोड़कर निरंतर गतिशील रहती है यह उसकी महिमा है।

प्रश्न: 5 गंगा अपना मार्ग कैसे तय करती है?

उत्तर: असंख्य बाधाएँ जैसे विशाल शिलाएँ गिरे पेड़ और पहाइ उसका मार्ग रोकते हैं , किंतु इन सभी बाधाओं को पार करके गंगा अपना मार्ग तय करती है ।

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