खंड (क) अपठित बोध
[10 अंका
1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए
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इक्कीसवीं सदी की सबसे बड़ी देन विज्ञान और उसके नित नए चमत्कार हैं। आज का मानव स्वयं को इनके
बिना रह पाने की कल्पना मात्र से ही सिहर उठता है। भौतिक सुखों का आनंद देने वाले ये सामान उसके
जीवन को सुचारु रूप से चलाने में सहायक तो हैं, पर इनका सुख उसे मकड़ी के जाल में फँसा रहा है। वह
भूल गया कि आदिमानव का जीवन कठिन अवश्य था, पर असंभव नहीं। इन साधनों को सर्वोपरि मानने के
कारण आज उसके सोचने-समझने की शक्ति का तो अधिक विस्तार हुआ है, पर दूसरी ओर उसकी
आत्मनिर्भरता समाप्त हो रही है। वह इन्हें गौण न मानकर प्रमुख मान चुका है। इनके बिना उसे जीवन अधूरा
लगता है। इसकी पुष्टि के लिए मोबाइल का चलन ही ले लें, जो आज हर किसी की पहली आवश्यकता बन
गया है। आज तेज़ रफ़्तार जिंदगी में वह अपने प्रियजनों के साथ संपर्क का प्रमुख साधन बन गया है, किंतु
यही संचार का साधन आपसी दूरियाँ भी बढ़ा रहा है। उठते-बैठते, घर, दफ़्तर, बाजार, भोजन कक्ष और
सभाओं में लोग इसके साथ व्यस्त रहते हैं। एक नए अध्ययन में मनोवैज्ञानिकों ने दावा किया है कि मोबाइल
की केवल मौजूदगी मात्र से ही साथ बैठे लोग असहज हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि उनके रहते हुएभी इंसान
उनसे अधिक मोबाइल पर ध्यान दे रहा है। शारीरिक रूप से सामने होते हुए भी मानसिक रूप से वह उसी
मोबाइल पर ध्यान केंद्रित रखता है। मोबाइल के रूप में विज्ञान का यह चमत्कार आज प्रत्येक व्यक्ति की
आवश्यकता बन गया है। युवा वर्ग के बीच यह एक फैशन और एक महत्त्वपूर्ण माँग बनकर उभर रहा है।
(क) इक्कीसवीं सदी की सबसे बड़ी देन क्या है?
(ख) विज्ञान के साधनों को सर्वोपरि मानने से क्या हुआ है?
(ग) आज की जिंदगी में मोबाइल का क्या महत्त्व है?
(घ) मोबाइल के साथ लोग कहाँ-कहाँ व्यस्त रहते हैं?
(ङ) प्रस्तुत गद्यांश का मूलभाव लिखिए।
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(क) इक्कीसवीं सदी के सबसे बड़े देन विज्ञान और उसके नित नये चमत्कार है
(ख) नही पाता
(ग) आज तेज रफ्तार जिंदगी में वह अप्ने प्रियाजनो के साथ् सम्पर्क का मुख्य साधन बन गया है
(घ) नही पाता
(ड) मोबाइल और उसके खतरे
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