खंड-(क) अपठित गद्यांश प्र1. प्राचीन काल में शनि को
अमंगलकारी ग्रह समझ लिया था। सुनी-सुनाई बातों के आधार पर
लोगों में इस ग्रह के बारे में भ्रांतियां फैलती चली गई। यह ग्रह अत्यंत
मंद गति से सूर्य के चारों ओर करीब 30 वर्ष में एक चक्कर पूरा
करता है। शनि का दिन और दिन से छोटा होता है।शनि अत्यंत ठंडा
ग्रह है। शनि के वायुमंडल में तापमान शून्य से 150 सेंटीग्रेड नीचे
रहता है। आतः यहाँ जीवन संभव नहीं है। वैज्ञानिक खोजों के आधार
पर शनि के उपग्रहों की संख्या 17 हो गई है। शनि का सबसे बड़ा
चंद्र टाइटन है।यह उपग्रह हमारे उपग्रह चंद्रमा से काफी बड़ा है।
टाइटन की अद्भुत चीज इसका वायुमंडूल है।इसके वायुमंडल में
मीथेन गैस प£प्ति मात्रा में है। इस पर मीथेन,पानी की तरह मानी जा
सक्ती है। शनि को दूरबीन से देखा जाए तो इसके चारों और वलय,
या घेरे दिखाई देते हैं।इन वूलयों या कुंकूणों से इसकी सुंदरता काफी
बढ़ जाती है। इन वलयों की खोज गैलीलियो ने की थी। इन खोजों के
आंधार पर सौरमंडल के कई ग्रहों के वलयों की खोज हो चुकी है।
शनि जितने सुंदर और स्पष्ट वलय, किसी ग्रह के नहीं हैं।
(1.)शनि ग्रह की सुंदरता का कारण है-
1 point
० (क) इसका सबसे छोटा होना
(ख) सबसे अलग होना
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ok so what is the question
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