खिए। पहला कॉलम 1990 का नेपाल के संविधान का है। दूसरा कॉलप नेपाल
ताजा अंतरिम संविधान में से लिया गया है।
1990 का नेपाल का संविधान भाग
2007 अंतरिम संविधान
भाग-7 कार्यपालिका
भाग-5: कार्यपालिका
अनुच्छेद 35 : कार्यकारी शक्तियाँ
अनुच्छेद 37: कार्यकारी शक्तियाँ
नेपाल अधिराज्य की कार्यकारी शक्तियाँ महामहिम
नेपाल की कार्यकारी शक्तियाँ मंत्रिपरिषद् में निहित होंग
नरेश एवं मंत्रिपरिषद् में निहित होंगी।
के इन दोनों संविधानों में कार्यकारी शक्ति' के उपयोग में क्या फर्क दिखाई देता है? इस बात को ध्या
आपको लगता है कि नेपाल को एक नए संविधान की ज़रूरत है? क्यों?
में
हुए संघर्ष के बाद नेपाल में लोकतंत्र की स्थापना हुई। नेपाल का 1990 का संविधान इस सिद्धांत पर आ
की बागडोर राजा के हाथ में रहेगी।
अनुसार नेपा
या गया। इस संविधान के
(iv) सावधान देश के प्रत्येक व्यक्ति को समानता का हक प्रदान करता है (समानता भारतीय संविधान में दिया गया मौलिक
Answers
Answer:
नेपाल का नया संविधान-2015' को लागू हुआ है। नेपाल में बरसों के राजनैतिक उथल-पुथल और संघर्षो के बाद २० सितंबर २०१५ को नया संविधान लागू किया गया है। अनिवार्य अवधि में एक संविधान का निर्माण करने में पहली संविधान सभा की विफलता के बाद दूसरी संविधान सभा के द्वारा यह संविधान तैयार किया गया था।[1]नेपाल इससे पहले दुनिया का एक मात्र हिन्दु राष्ट्र था लेकिन वर्तमान संविधान ने नेपाल को धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित किया है, नेपाल के संविधान मे सभी नागरिको को अपनी इच्छानुसार धर्म का पालन करने की आजादी दी गई है। नेपाल के संविधान की प्रकृति यहां रहने वाले विविध लोगों के कारण बहुजातीय मानी जाती है।
नेपाल के नए संविधान के अनुसार,
राष्ट्रपति देश के राष्ट्राध्यक्ष होंगे, जबकि कार्यकारी शक्तियां प्रधानमंत्री के पास होंगी।
केंद्र में संघीय सरकार होगी जबकि प्रांतों में प्रांतीय सरकार होगी। जिला और ग्राम स्तर पर भी शासन व्यवस्था होगी।
दो सदनों वाली संसद, एकसदनीय विधानसभा और संघीय, प्रांतीय और जिला स्तरीय न्यायपालिका होगी।
नेपाली राष्ट्र की भाषा बनी रहेगी। सभी भाषाओं समेत जातीय भाषाओं को भी मान्यता दी गई है।
नेपाली हिंदुओं की पूजनीय गाय राष्ट्रीय पशु और रोडेन्ड्रॉन (लालिगु्रास) राष्ट्रीय फूल है।
आरक्षण और कोटा व्यवस्था के जरिए वंचित, क्षेत्रीय और जातीय समुदायों के सशक्तीकरण की व्यवस्था की गई है। मूल निवासियों, दलितों, अछूतों और महिलाओं के लिए स्थानीय प्रशासन, प्रांतीय और संघीय सरकार से लेकर हर स्तर पर आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
संविधान में तीसरे लिंग ( थर्ड जेंडर) को भी मान्यता दी गई है।
संविधान ने नेपाल को धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित किया है। किन्तु प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं का संरक्षण किया जाएगा। धर्मान्तरण पर रोक नहीं है।
जिस देश में लोकतंत्र होते हुए भी राजतंत्र की तरह शासन चल रहा है वहा पर भी नेपाल के लोगो की तरह विद्रोह की जरूरत है।
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