(ख) 'हिन्दी गद्य साहित्य' के जनक माने जाते हैं-
Answers
Answered by
1
Answer:
(ख) 'हिन्दी गद्य साहित्य' के जनक माने जाते हैं-
answer ऐसी महान विभूति का जन्म नौ सितंबर, 1850 को हुआ था. भारतेंदु हरिश्चंद्र को केवल 34 साल की आयु मिली, लेकिन इतने ही समय में उन्होंने गद्य से लेकर कविता, नाटक और पत्रकारिता तक हिंदी का पूरा स्वरूप बदलकर रख दिया। भारतेंदु हरिश्चंद्र जी हिन्दी साहित्य के जनक है ।
Answered by
0
'हिन्दी गद्य साहित्य' के जनक भारतेन्दु हरिश्चंद्र माने जाते हैं।
- भरतेंदु हरिश्चंद्र का जन्म १८५० इ में कशी में हुआ था। इनकी शिक्षा ठीक से न हो पायी थी। अपनी साधना वे प्रतिमा के कारण वे काव्य लिखने लगे।
- भारतेन्दु जी को हिन्दू, उर्दू, गुजराती, मराठी, बांग्ला भाषाओं का बहुत ज्ञान होगया था। वे बहुत ही दानी थे। उनका मानना थे की पूर्वजों को इन्होने पैसों के कारण ही खोया इसलिए वे दान और ज़ोर शोर से करते थे।
- इनकी कुछ प्रसिद्ध रचनाएं है- कृष्णा, प्रेम सरोवर, प्रबोधिनी, सत्य हरिश्चंद्र, नील देवी, कश्मीर कुसुम, लीलावती आदि।
- भारतेन्दु जी का हमारी हिंदी साहित्य की तरफ काफी योगदान रहा और इसलिए ही हम उन्हें 'हिन्दी गद्य साहित्य' के जनक मानते है।
#spj2
Similar questions