Hindi, asked by keshusharma40446, 9 months ago

ख, 'जेब टटोली कौड़ी ना पाई माझी को दूं क्या उतराई' इस पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।​

Answers

Answered by sanskar773391
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Explanation:

जब कवित्री अपने माझी रूपी भगवान से मिलती है तो वह अपनी जेब टटोली है अथवा कोई भी सत्य कर्म नहीं की है कि मतलब कोई अच्छा काम नहीं किए रहती है तो उसकी जेब में कुछ भी अच्छा अच्छा काम नहीं मिलता है तो यह पंक्ति का भाव ही है अगर आपको अच्छा लगा हो तो इसे सर्वश्रेष्ठ आंसर घोषित कीजिएगा धन्यवाद .

Answered by alohat904
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Answer:

भाव सपाट करे जेब टटोलती कोडी न पाई ,मांझी को दूं क्या उतराई

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