Hindi, asked by mithunkr20201, 9 months ago

ख) 'काल-सूर्य के रथ के । पहियों के ज्यों अरे टूट कर / बिखर गये हों। ​

Answers

Answered by akshaybauri77
2

Answer:

Brainly.in

What is your question?

1

Yashdeek4771

12.09.2019

Hindi

Secondary School

+8 pts

Answered

व्याख्या करे।

(क) ‘एक दिन सहसा / सूरज निकला’

(ख) ‘ काल- सूर्य के रथ के / पहियों के ज्यों अरे टूट कर/ बिखर गये हों / दसों दिशा में ’

(ग) ‘मानव का रचा हुआ सूरज / मानव को भाप बना कर सोख गया’

1

SEE ANSWER

Log in to add comment

Answers

Me · Beginner

Know the answer? Add it here!

shishir303

shishir303 Genius

(क) ‘एक दिन सहसा / सूरज निकला’

(ख) ‘काल- सूर्य के रथ के / पहियों के ज्यों अरे टूट कर/ बिखर गये हों / दसों दिशा में’

(ग) ‘मानव का रचा हुआ सूरज / मानव को भाप बना कर सोख गया’

व्याख्या — ये पंक्तियां सचिदानन्द हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ की कविता ‘हिरोशिमा’ की हैं।

द्वितीय विश्व युद्ध के समय में जब अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी नगरों पर परमाणु बम गिराए थे तो हिरोशिमा नगर में परमाणु बम से हुए विध्वंस और विभीषिका का मार्मिक वर्णन कवि ने इस कविता के माध्यम से किया है।

अजेय जी कहते हैं कि उस दिन एक दिन अचानक परमाणु बम रूपी सूरज निकला, लेकिन वह रोज की तरह आकाश से नहीं बल्कि नगर के चौक से निकला। धूप की बारिश तो हुई लेकिन वह आसमान से नहीं बल्कि जमीन से हुई। जब सूरज निकलता है तो मनुष्य की परछाइयां एक दिशा में नजर आती हैं। परंतु यहां पर मानव शवों की परछाइयां दिशाहीन होकर सब जगह पड़ी थीं। यह सब ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि यह सूरज पूरब से नहीं उगा था बल्कि यह सूर्य पश्चिम से आया था। विध्वंस के रूप में और नगर के बीचो-बीच बरसा था। इस कविता में कवि ने एटम बम की तुलना सूरज से करते हुए उस एटम बम के दुष्प्रभावों का मार्मिक चित्रण और किया है।

अज्ञेय जी कहते हैं कि जब परमाणु रूपी सूरज निकला तो ऐसा लगा कि क्षण भर को सूर्य उदय हुआ है और फिर अचानक से अस्त हो गया, साथ में अस्त कर गया लाखों जीवन। यह ऐसा सूर्य था जो जीवनदायी नहीं था। यह सूरज वो था जो मृत्यु को देने आया था। सूरज की तेज प्रज्जवल ज्वाला में सब जलकर भस्म हो गए। चारों तरफ जले और तड़पती लोग नजर आ रहे थे।

अज्ञेय जी कहते हैं कि जी कहते हैं कि मानव के बनाए सूरज ने मानव को भाप बना कर उड़ा दिया। मनुष्य ने कितनी वैज्ञानिक प्रगति की है। परमाणु बम जैसे अविष्कारों को जन्म दिया। परंतु कभी-कभी यह अविष्कार खुद मानव जाति के लिए खतरा बन जाते हैं और यही हुआ। इस अविष्कार ने मानव जाति का विध्वंस कर दिया। उस विध्वंस की डरावनी स्मृति आज भी लोगों के दिल में खौफ बनकर छाई हुई है।

3.0

2 votes

THANKS

1

Comments Report

The Brain

The Brain Helper

Not sure about the answer?

SEE NEXT ANSWERS

Newest Questions

(ii) लेखक ने ऐसा क्यों कहा कि बुड्ढा हिमालय कितना सिर धुनता होगा?

Badhti Abadi desh ki barbadi

In a code Language survive is written as vriuvse . How is monsoon a written in that code ?

I) 'मुक्तिदूत' खण्डकाव्य के तृतीय सर्ग की कथावस्तु अपने शब्दों में लिखिए ।ii) 'मुक्तिदूत' खण्डकाव्य के नायक गाँधीजी की चारित्रिक विशेषत

ɢᴜʏs ᴘʟs ɪɴᴄʀᴇᴀsᴇ ɪᴛ❤️ɴᴅ ɪɴʙᴏx ᴍᴇ ᴘʟᴇᴀsᴇ ❤️

एक पहाडी स्थान की यात्रा पर निबंध 200-250 शब्दो मे.... Pls its urgent

Hello everyone I have a doubt in hindi informal letter can you please say the correct format

बेकाम -समास विग्रह है * 1)बे काम 2)बिना काम के 3)काम के साथ

नयनम‌् का वर्ण विच्छेद

चार हैं भुजाएँ जिसकी - समास है * 1)कर्मधारय 2)द्वंद्व 3)बहुव्रीहि

Previous

Next

Ask your question

WE'RE IN THE KNOW

This site is using cookies under cookie policy. You can specify conditions of storing and accessing cookies in your browser

Company

About us

Blog

Careers

Terms of Use

Privacy Policy

Cookie Policy

Community

Brainly Community

Brainly for Schools & Teachers

Community Guidelines

Content Guidelines

Honor Code

Become a Volunteer

Help

Signup

FAQ

Safety Center

Responsible Disclosure Agreement

Contact Us

Get the Brainly App

Download Android App

SCAN & SOLVE IN-APP

Similar questions