(ख) काव न दिल की तुलना किससे की है, और क्यों?
(ग) कवि की मानसिक स्थिति कैसी है?
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए
तुलसी सरनाम गुलामु है राम को,
जाको रूचै सो कहै कछु ओऊ।
माँगि कै खैबो, मसीत को सोइबो,
लैबोको एकु न दैबेको दोऊ।
(क) अनुप्रास अलंकार के दो उदाहरण चुनकर लिखिए।
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Answer:
(1) ans ooooooooooooooooooooooooooook
Answer:
;(क) ‘तुम’, ‘तुम्हारा’ सर्वनाम कवि द्वारा सर्वाधिक ‘प्र्रिय’ व्यक्तित्व वेळ लिए प्रयुक्त हुआ है। यह व्यक्तित्व कवि की प्रेयसी भी हो सकती है और कवि की माँ भी। मेरी दृष्टि में कविता में ‘तुम’, ‘तुम्हारा’ सर्वनाम कवि की प्रेयसी वेळ लिए प्रयुक्त हुआ है, जिसवेळ साथ वेळ संबंध को कवि कोई नाम नहीं देना चाहता लेकिन इस अनाम संबंध की गहराई को वह स्वयं महसूस करता है। कवि कहता है कि उसवेळ प्र्रिय का प्रेम उस अनंत निर्झर वेळ समान है, जिसका मीठा पानी बार-बार उसे पूरी तरह भिगोता रहता है।
(ख) कवि ने स्वंय अपने प्रिय के बीच के संबंध् का ‘अनजाना रिश्ता’ कहा है। वह इस रिश्ते को कोई नाम नहीं देता चाहता। इस अनाम संबंध की गहराई को वह स्वयं महसूस करता है। यह अनजाना रिश्ता कवि के लिए अत्यधिक प्रेरणादायक और कवि के संपूर्ण व्यक्तित्व का एकमात्र निर्माता है।
(ग) कवि यह कहता हैकि मैं यह महसूस करता हूँ कि मेरे दिल में संभवतः मीठे पानी का र्कोइ अनंत स्रोत है, र्कोइ झरना है, जिसमें मैं प्रेम को, स्नेह को, आत्मीयता को जितना अधिक उडे़लता हूँ, वह फिर से बार-बार भर जाता है।
(ii) निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
जिंदगी में जो कुछ है, जो भी है सहर्ष स्वीकारा है,
इसलिए कि जो कुछ भी मेरा है वह तुम्हें प्यारा है।
गरबीली गरीबी यह ये गंभीर अनुभव सब
यह विचार वैभव सब दृढ़ता यह, भीतर की सरिता यह,
अभिनव सब मौलिक है, मौलिक है
इसलिए कि पल-पल में जो कुछ जाग्रत है अपलक है
संवेदन तुम्हारा है।
प्रश्न; (क) ‘जो कुछ भी मेरा है वह तुम्हें प्यारा है’- इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।
(ख) गरीबी के लिए प्रयुक्त विशेषण का औचित्य और सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए।
(ग) कवि किसे मौलिक और नवीन मानता है तथा क्यों?
उत्तर ;(क)
कवि से जो स्नेह रखता है। वह उसके विचारो से भी स्नेह रखता है
जो कवि का है वह उस व्यक्ति का भी है।
(ख)
गरबीली विशेषण स्वाभिमान का प्रतीक
इस शब्द के प्रयोग से गरीबी शब्द गौरव मंडित होता है।
(ग)
भाव, विचार तथा अभिव्यंिक्त को कवि मौलिक मानता है।
किसी से उधार नही लिया गया है, इसलिए कवि को अभिमान है।
Explanation:
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