Hindi, asked by dnanak90, 6 hours ago

(ख) कहीं ये दैत्य के पाँवों के निशान न हों। आशय स्पष्ट कीजिए।

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Answered by ranjan12342003
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इस पाठ में लेखक ने विज्ञापनों की चमक दमक से प्रभावित होकर खरीदारी करने वालों को सचेत किया है कि इस प्रकार गुणों पर ध्यान न देकर बाहरी दिखावे से प्रभावित होकर कुछ खरीदने की आदत से समाज में दिखावे को बढ़ावा मिलेगा तथा हर जगह अशांति और विषमता फैल जाएगी।

Answered by sinhathakur93
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Answer:

नही यहा दैत्य के पांवों के निशान नही है

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