Hindi, asked by gouthamgyan, 9 months ago

(ख) कठपुतली को किस बात का दुख था?
(i) हरदम हँसने का
(ii) दूसरों के इशारे पर नाचने का
(iii) हरदम खेलने का
(iv) हरदम धागा खींचने का।​

Answers

Answered by vijayksynergy
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कठपुतली को विकल्प (ii) दूसरों के इशारे पर नाचने का दुःख था।

कठपुतली के दुःख के बारे में:

  • कठपुतली ने कहा कि मेरे पास आगे-पीछे तार क्यों हैं? उसने कहा की "इस स्थिति से मुक्त होना चाहिए और अपने हाल पर छोड़ देना चाहिए।"
  • कठपुतली को गुस्सा आ गया जब उसने खुद को दूसरों के द्वारा नियंत्रित हो रही थी और दुसरो की इच्छा पर नाच रही थी।

विस्तृत:

  • कठपुलती को आज़ाद होना था।
  • भवानीप्रसाद मिश्र कठपुतली काव्य के रचयिता है।

#SPJ3

Answered by roopa2000
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Answer:

(ii) दूसरों के इशारे पर नाचने का दुःख था।

Explanation:

कठपुतली के दुःख के बारे में विस्तार से आइये जानते है:

भवानीप्रसाद मिश्र कठपुतली काव्य के रचयिता है।

  • कठपुतली ने कहा कि मेरे पास आगे-पीछे तार क्यों हैं? उसने कहा की "इस स्थिति से मुक्त होना चाहिए और अपने हाल पर छोड़ देना चाहिए।"
  • कठपुतली को गुस्सा आ गया जब उसने खुद को दूसरों के द्वारा नियंत्रित हो रही थी और दुसरो की इच्छा पर नाच रही थी।
  • कठपुलती को आज़ाद होना था।
  • 'कठपुतली' कविता के माध्यम से कवि हमें संदेश देना चाहता है कि आजादी का हमारे जीवन में खास  स्थान है। अतः स्वतंत्र होना अर्थात उसे बनाए रखना बहुत जरूरी है, भले ही यह मुश्किल क्यों न हो।
  • उसे अन्य कठपुतलियों की ज़िम्मेदारी का अहसास होने लगा।
  • उसे शीघ्र स्वतंत्र होने की चिंता होने लगी।
  • वह घबरा गई, क्योंकि उसकी उम्र कम थी।

अर्थात कठपुतली को इस बात का दुख था कि उसे दूसरों के इशारे पर नाचना पड़ता है।

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