Hindi, asked by vkmr2004, 6 months ago

खा-खाकर कुछ पाएगा नहीं
न खाकर बनेगा अहंकारी।
सम खा तभी होगा समभावी,
खुलेगी साँकल बंद द्वार की।​

Answers

Answered by prabhasharma6161
45

Answer:

(ख) भाव यह है कि भूखे रहकर तू ईश्वर साधना नहीं कर सकता अर्थात् व्रत पूजा करके भगवान नहीं पाए जा सकते अपितु हम अहंकार के वश में वशीभूत होकर राह भटक जाते हैं। (कि हमने इतने व्रत रखे आदि)।

Answered by hemchandrachandola05
3

Answer:

खा-खाकर कुछ पाएगा नहीं

न खाकर बनेगा अहंकारी।

सम खा तभी होगा समभावी,

खुलेगी साँकल बंद द्वार की। ======

Explanation:

HOPE YOU UNDERSTAND

Attachments:
Similar questions