खा-खाकर कुछ पाएगा नहीं,
न खाकर बनेगाअहंकार।
सम खा लगा होगा समभावी
खुलेगी सांकल बंद दार की,
1.मनुष्य खाते से अहंकारी कैसे बन जाता है।
2.कवयित्रि मनुष्य के समभावी होते क्या आधार मानती है।
3.'खुलेगी बंद दार की साक्ल' क्या अर्थ
4.अहंकार शब्द का क्या अर्थ है।
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1. मनुष्य न खाकर अहंकार बन जाता हैं।
4.जो व्यक्ति अपने पर ज्यादा घमंड करता है।
3.इसका अर्थ है कि दरवाजा एक बार बंद हो जाए तो वह वापीस नही रवुलता है।
2.Hey mate sorry but I don't know the answer of 2 question..
Explanation:
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