Hindi, asked by arushy200, 7 months ago

खा-खाकर कुछ पाएगा नहीं,
न खाकर बनेगाअहंकार।
सम खा लगा होगा समभावी
खुलेगी सांकल बंद दार की,
1.मनुष्य खाते से अहंकारी कैसे बन जाता है।
2.कवयित्रि मनुष्य के समभावी होते क्या आधार मानती है।
3.'खुलेगी बंद दार की साक्ल' क्या अर्थ
4.अहंकार शब्द का क्या अर्थ है। 5.कवि क्या खाने को कह रहा है और क्या नहीं खाने के लिए? ​

Answers

Answered by darshankumar36181
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Explanation:

मनुष्य खाते ही अहंकारी इसलिए बन जाता है क्योंकि जब मनुष्य का पेट भर जाता है तो उसे ऐसा महसूस होता है कि इसका नियत भी भर गई है और यही कारण है कि उसे वह कार से भर जाता है

कवित्री मनुष्य के शंभावी होने का आधार भोजन को मानती है

खुलेगी बंद द्वार की शक्ल अर्थात जब तुम्हारे आंखों से बुराई का पर्दा हट जाएगा

एंकर शब्द का अर्थ है अपने ऊपर हावी होना या किसी और के ऊपर हावी होना

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