खुले आकाश में ki summary
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सचमुच जब जब खुले आसमान के नीचे बैठने का मौका मिलता है। तब तब एकटक बस आकाश को निहारने का मन करता है। आकाश का यह अपनापन। ऐसा प्रतीत होता है कि बस उस आकाश में ही समा जाऊं
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