Hindi, asked by nida8783, 5 months ago

खाली बैठे कल्पना करते रहने की पुरानी आदत है ​

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Answered by pramodteli170
10

यशपाल-लखनवी अन्दाज़ ठाली बैठे, कल्पना करते रहने की पुरानी आदत है। ... लेखक की यह पुरानी आदत थी कि वह जब अकेला होता अथवा खाली होता तो अनेक प्रकार की कल्पनाएं करने लग जाता था क्योंकि वह एक लेखक है इसलिए कल्पना के आधार पर अपनी रचनाएँ करता है।

Answered by prabhjot9832
6

Answer:

is ka matlab hai ki free bathe kar sochne ki oski purani adat hai

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