Hindi, asked by ritukugautam5465, 8 months ago

खुलेगी साँकल बंद द्वार की' का अर्थ स्पष्ट कीजिए​

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Answered by aditya010203
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hi bro here is your answer

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Answered by bhatiamona
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'खुलेगी साँकल बंद द्वार की' का अर्थ स्पष्ट कीजिए​।

खुलेगी साँकल बंद द्वार की इस पंक्ति से आशय यह है कि कवयित्री ललद्यद कहना चाहते है कि भोग और त्याग के बीच संतुलन बनाकर रखने से ही ईश्वर भक्ति जगाई जा सकती है अर्थात मन में व्याप्त अंधकार अज्ञानता के अंधकार को दूर किया जा सकता है।

ना तो सांसारिक भोग में में पूरी तरह लिप्त होना चाहिए और ना ही संसार को पूरी तरह त्याग देना चाहिए यानी उसे पूरी तरह विरक्ति का भाव नहीं रखना चाहिए। भोगों के भोग और त्याग के बीच एक संतुलन स्थापित करके ही मन के अंधकार को दूर किया जा सकता है और अज्ञानता के बंद द्वारा की साँकल खुलेगी यानि अज्ञानता का अंधकार दूर होगा।

#SPJ3

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