खेलों की अंतरराष्ट्रीय विशेषता पर संक्षेप में प्रकाश डालिए
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अन्तरराष्ट्रीय स्तर की खेल-कूद प्रतियोगिताओं की उपयोगिता पर निबन्ध | Essay on Value of International Sports and Games in Hindi!
खेलों की उपयोगिता साधारण मनोरंजन से अधिक है । इस उपयोगिता का संबंध चरित्र-निर्माण से है । खेल खिलाड़ी के चरित्र-निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं ।
व्यक्ति का भविष्य इसी पर निर्भर होता है । इस संदर्भ में अंग्रेज विद्वान का प्रसिद्ध कथन है कि ”वाटरलू की लड़ाई एथेन्स के खेल के मैदानों पर लड़ी गई थी ।” मनोरंजन का प्रमुख साधन होने के साथ-साथ खेलों से व्यक्ति का बौद्धिक और मानसिक विकास भी होता है ।
उसमें साहस, उत्साह, सम्मान, निष्पक्षता, अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठा, आज्ञाकारिता, संघर्ष-भावना, विजय की आकांक्षा, संगठन, उद्देश्य आदि चारित्रिक विशेषताओं का सहज ही समावेश हो जाता हैं । ये गुण ही मानव के भावी जीवन की सफलता के प्रतीक हैं ।
खेल के माध्यम से मनुष्य के अंदर साहस की भावना, मानवीयता, संघर्षशीलता की भावना का विकास होता है । इससे मनुष्य में विजय अथवा अपने लक्ष्य को पाने की तीव्र इच्छा उत्पन्न होती है । खिलाड़ी अपनी पराजय से चिंतित नहीं होता, वह अपनी पराजय को हँसकर ग्रहण करता है ।
इस प्रकार वह जीवन में भी निराशाओं, कठिनाईयों से हारता नहीं बल्कि उसके अंदर उन पर विजय प्राप्ति का असीम बल उत्पन्न होता रहता है । उसके मन में किसी के प्रति दुर्भावना उत्पन्न नहीं होती है । यह विशेषता अन्तरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता की उपयोगिता को और अधिक बढ़ा देती है ।
अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में विभिन्न देशों के अलग-अलग सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक विचारधारा के व्यक्ति एक दूसरे के निकट आ जाते है । इन अवसरों पर खिलाड़ी की चारित्रिक विशेषताओं की परख होती है । एक खिलाड़ी को उसका सम्मान सबसे प्रिय होता है । सच्चा खिलाड़ी बेईमानी से विजय प्राप्ति की आकांक्षा नहीं रखता । वह अपने विपक्षी को भी असम्मान की दृष्टि से नहीं देखता है ।
उसमें सम्मान से जीने और मरने की भावना होती है । इस प्रकार अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता आपसी सौहार्द्र की भावना को बढ़ाने का कार्य करती है । महान खिलाड़ी किसी देश की सीमा में नहीं बंधते, उनका आदर और प्रशंसा सभी देशों में होती है । अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का आयोजन उनकी सरकारों द्वारा होता है ।
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इनके द्वारा सद्भावना का विकास होता है । इस प्रकार खेल प्रतियोगिताएँ अंतरराष्ट्रीय शांति और सद्भावनापूर्ण वातावरण बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देती है । अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएँ विभिन्न देशो के असंख्य खेल-प्रिय व्यक्तियों, दर्शकों को आकर्षित करती है । इन प्रतियोगिताओं से देश के पर्यटन विभाग को बहुत लाभ पहुँचता है । इससे विदेशी मुद्रा अर्जित होती है ।
साथ ही विभिन्न देशों के लोग एक-दूसरे के निकट आते हैं । जिससे देश के संपर्क-सूत्र और भी दृढ़ हो जाते है । किसी देश में अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं का आयोजन उसके लिए गौरव की बात होती है । उसके लिए पर्याप्त तैयारी की आवश्यकता होती है ।
देश में खेलों की प्रतियोगिताओं के दौरान निर्माण और विकास कार्य होते हैं । जैसे नौवें एशियाई खेलों के दौरान नई सड़कें, पुल, फ्लाई-ओवर, भवनों, होटल, स्टेडियम आदि के निर्माण से दिल्ली का नक्शा ही बदल गया था । अत: अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं की उपयोगिता को नकारा नहीं जा सकता ।