Hindi, asked by drshiteshsingh83, 6 hours ago

खेल को खेल भावना से खेलना चाहिए इस पर एक निबंध​

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Answered by aksharasharma490
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खेल को खेल भावना से खेलें इसमें अत्यधिक महात्वाकाँक्षा न रखें, जिससे विजय प्राप्त करने के लिये किसी गलत रास्ते पर न जायें। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अम्बरीष कुमार ने कहा कि जनपद का अध्यापक अपने पूरे मनोयोग से बच्चों के चहुंमुखी विकास के लिये प्रयासरत है। अध्यापकों के अथक प्रयास से ही बेसिक शिक्षा में जनपद प्रदेश में अपना एक अलग स्थान बनाये हुये है। उन्होंनें कस्तूरबा गाँधी बालिका आवासीय विद्यालयों के समस्त अध्यापकों का आह्वान किया कि अपने कार्य को और अधिक गति प्रदान करते हुये प्रयास करें कि कस्तूरबा गाँधी बालिका आवासीय विद्यालयों के बच्चे प्रत्येक क्षेत्र में आगे आयें, चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो या खेल का क्षेत्र हो। खण्ड शिक्षा अधिकारी बार वीएन दैपुरिया ने कहा कि बच्चों को नियमित शिक्षा के साथ-साथ खेल शिक्षा भी आवश्यक है। प्रत्येक प्रतिभागी को प्रतियोगिता में खेल भावना के साथ खेलना चाहिये। उन्होनें कहा कि परिन्दों को मिलेगी मंजिल एक दिन, ये फैले हुये उनके पर बोलते है, वही लोग रहते हैं खामोश अक्सर, जमाने में जिनके हुनर बोलते हैं। कार्यक्रम को प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य जेपी राजपूत एवं जिला सूचना अधिकारी पियूष चंद्र राय ने भी सम्बोधित किया।

इसके पूर्व कस्तूरबा गाँधी बालिका आवासीय विद्यालय तालबेहट की छात्राओं के द्वारा संगीतमय व्यायाम की मनमोहक प्रस्तुति की गई। कस्तूरबा गाँधी बालिका आवासीय विद्यालय महरौनी की छात्राओं के द्वारा सरस्वती वन्दना एवं कस्तूरबा गाँधी बालिका आवासीय विद्यालय गौना, मड़ावरा की छात्राओं के द्वारा स्वागत गीत की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों का बैज अलंकरण कर कस्तूरबा गाँधी आवासीय विद्यालयों के अध्यापक/अध्यापिकाओं द्वारा स्वागत किया गया। शुभारम्भ पर मुख्य अतिथि द्वारा ध्वजारोहण कर मार्च पास्ट की सलामी ली तथा प्रतियोगिता प्रारम्भ करने की घोषणा की। इस दौरान राजेश कुमार पंथ, विनम्र भाई पाटकार, अजित तिवारी, गौरव सक्सैना, विष्णु शकर अग्रवाल, आराधना खरे, मनोज जैन, रश्मि श्रीवास्तव, कल्पना रावत, मधुकौशल, अस्मत सिद्धीकी, नीता सिंह, धर्मेन्द्र जैन, पूर्णेन्द्र सिंह, यूनिस खान, रियाज अहमद, अमित कुमार जैन, मनोज कुमार, राजीव कुमार, सुनील कुमार, अब्दुल कादिर एवं डॉॅ. मुकेश तिवारी आदि अनुदेशक मौजूद रहे। कार्यक्रम के सह-संयोजक एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी बार वीएन दैपुरिया ने आभार व्यक्त किया।

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