Physics, asked by llAestheticKingll91, 22 days ago

खालील अपूर्ण कथा पूर्ण करून लिहा. वाराणसी शहरात रामचरण नावाचे विद्वान पंडित राहत होते. त्यांना आपल्या विद्ववत्तेचा फार गर्व होता. एकदा उदयपूर गावामध्ये पंडितांची मोठी सभा भरली. त्या • सभेला रामचरणजींना आमंत्रण होते. उदयपूर गाव नदीपलीकडे होते. • नदी पार करण्यासाठी नावेतून प्रवास करावा लागे. रामचरणजी एका नावेत बसले, नाव सुरु​ k h baat krneku ㅤ​

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Answered by l1l3d5e3
3

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सांग / स्वांग परम्परा:

उत्सव के आधार पर भारतीय समाज में अनेक सांस्कृतिक व धार्मिक लोक कलाएँ प्रचलित हैं। साँग भी उन्ही कलाओ में से हरियाणवी व उतरप्रदेश भाषा की एक प्रसिद्द लोक कला है जो हरियाणा व उतरप्रदेश ही नहीं इनके समीपवर्ती क्षेत्रों में भी लोकप्रियता के साथ प्रचलित है। सांग एक रचना, संगीत और न्रत्य का अनूठा कला संगम है। जिस तरह श्रावण मास की समीर और फाल्गुनी मौसम की महक जनमानस में तरंगे पैदा करती है, ठीक उसी तरह सांग का संगीत भी मन और आत्मा को आन्दंदित करके एक शमा बाँध देता है। इस विधा में सांग और रागिनी कला की अभिव्यक्ति होने के साथ साथ जनसमुदाय का एक मनोरंजक साधन भी है। समाज के किसी भी वर्ग में चाहे धनी हो या कंगाल , उच्च हो या पिछड़ा, नौजवान या बुजुर्ग, नारी या पुरुष, साधू फ़क़ीर सभी वर्ग तो सांग मंच को मानवदर्शक मानकर समानाभुती का रसपान करते है। सांग केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं अपितु सांगीतकार मनोरंजन के साथ साथ श्रोताओं को परोपकार, सहिष्णुता, त्याग, भाईचारे का पाठ भी पढ़ाते है। इसलिए सांग एक लोक व्यवहार व संस्कार निर्माण की विधा है।

मूल रुप से “सांग” शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है “स्वाँग भरना”। यह एक लोकनाट्य के रूप में बहुत ही पारम्परिक विधा है जिसमे लोकनाट्यकारो के मंचन द्वारा प्रचलित धार्मिक, सामाजिक, पौराणिक अथवा समान्य सी लोककथा को माध्यम बनाकर लोककवियों ने बेहद खूबसूरत अंदाज में उपदेशक, नैतिक, मनोरंजक एवं जीवन मूल्यों की अनमोल शिक्षा प्रस्तुत की है। एक प्रकार से साँग काव्य एवं गद्य का मिलाजुला रूप होता है। वैसे तो सांग विधा की लोकनाट्य परम्परा सम्पूर्ण भारत में काफी प्रचलन में है, जिस प्रकार हरियाणा में सांग एवं रागिनी का प्रचलन है। ठीक वैसे ही उतरप्रदेश में नोटंकी, राजस्थान में तमाशा तुर्री कलगा, बिहार में बिरहा, ब्रज में भगत, मालवे में मांच, पंजाब में ख्याल, गुजरात में भवाई, पश्चिमी उ.प. व हरियाणा में सांग के रूप में प्रचलन मिलता है। अतः सांग एवं रागनी भारत में पुरातन काल से ही चले आ रहा है।

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Answered by heebaanjum1812
7

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खालील अपूर्ण कथा पूर्ण करून लिहा. वाराणसी शहरात रामचरण नावाचे एक विद्वान पंडित...

• खालील अपूर्ण कथा पूर्ण करून लिहा. वाराणसी शहरात रामचरण नावाचे एक विद्वान पंडित राहत

होते. त्यांना आपल्या विद्वत्तेचा फार गर्व होता. एकदा उदयपूर

गावामध्ये पंडितांची मोठी सभा भरली. त्या सभेला रामचरणजींना

आमंत्रण होते. उदयपूर गाव नदीपलीकडे होते. नदी पार

करण्यासाठी नावेतून प्रवास करावा लागे. रामचरणजी एका

नावेत बसले, नाव सुरु झाली...

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