खेल में भागीदारी समय की बर्बादी नहीं है
Debate plz jldi
Answers
Answer: जीवन में खेलकूद का भी उतना ही महत्व है, जितना कि पढ़ाई-लिखाई का। खेलकूद न केवल छात्रों का मनोरंजन करते हैं अपितु उनके स्वास्थ्य को भी उत्तम बनाते हैं। यदि बच्चे प्रसन्न और स्वस्थ रहेंगे तो पढ़ाई लिखाई की ओर भी ध्यान देंगे।
खेल के अंतर्गत शरीर बहुत अधिक परिश्रम करता है, परिणामस्वरूप अधिक मात्रा में ऑक्सीजन शरीर के अंदर जाती है। यही ऑक्सीजन हमारे रक्त को शुद्ध करती है तथा भोजन को पचाने में सहायता करती है। जिसने खेलों को महत्व दिया है वह सदैव प्रसन्न, स्वस्थ तथा मजबूत रहता है, उसमें आत्मविश्वास रहता है, नेतृत्व की क्षमता उत्पन्न होती है, इच्छाशक्ति सदैव बलवती रहती है, संगठन की शक्ति का अहसास होता है। अत: खेल स्वास्थ्य का पर्याय है।
स्वस्थ युवक खेल-सामग्री के अभाव में भी खेल सकता है। कई परिवार अपने स्तर को ऊंचा बनाए रखने के लिए बच्चों के खेल के विभिन्न साधन घर में ही जुटा कर उन्हें वहाँ कैद रखना चाहते हैं, जिसकी वजह से सामूहिक खेलों से बच्चे वंचित रह जाते हैं। आज के अधिकतर बच्चे कंप्यूटर पर अकेले वीडियो गेम खेलते रहते हैं। ऐसे खेलों से मानसिक अभ्यास तो हो जाते हैं, किंतु शारीरिक अभ्यास नहीं हो पाते हैं।
थकान के बाद शीतल छाया में बैठकर सामान्य भोजन में भी जैसे आनंद की अनुभूति होती है, वैसे आनंद की अनुभूति रोगग्रस्त शरीर को विविध प्रकार के व्यंजनों में भी नहीं होती है। अतः जब बालक रुचि से खेलता है, तो उसकी पाचन-शक्ति बढ़ती है और उसे ज़ोर की भूख लगती है। ऐसे में किए गए भोजन का बिना किसी चूर्ण या पुड़िया प्रयोग किए पचना और शरीर का बलिष्ठ होना, ये सभी प्रक्रियाएँ स्वचालित यंत्र की तरह पूर्ण हो जाती हैं । ऐसे बालकों के लिए कभी चिकित्सकों की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इस प्रकार खेल एक और लाभ अनेक हैं।
वही राष्ट्र विकसित या सामर्थ्यवान बन पाता है, जिस देश का युवक स्वस्थ होता है। यह तभी संभव है जब प्रत्येक नागरिक अपनी लाख व्यस्तताओं के बावजूद खेल के लिए समय निकाले।
Explanation:
Answer:
खेल हमारे जीवन का महत्वपूर्ण तत्व हैं क्योंकि वे एक व्यक्ति को न केवल एक स्वस्थ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करते हैंl
Explanation:
खेल हमारे जीवन का महत्वपूर्ण तत्व हैं क्योंकि वे एक व्यक्ति को न केवल एक स्वस्थ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करते हैं, बल्कि एक कैरियर विकसित करने में भी मदद करते हैं यदि किसी विशेष खेल के प्रति जुनून है और अपनी अलग पहचान बनाता है। यह व्यक्तिगत प्रतिभा का पोषण करता है और अखंडता, एकता और प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देता है। खेलों में भागीदारी हमेशा सीखने, सहनशक्ति, मनोविज्ञान में सुधार, तनाव कम करने और व्यक्तिगत प्रतिभाओं को पहचानने में सहायता करती है।
खेल भागीदारी कभी भी समय की बर्बादी नहीं हो सकती क्योंकि यह एक अत्यधिक प्रतिस्पर्धी वातावरण प्रदान करता है जो छात्रों के लिए बेहतर प्रदर्शन करने के लिए सीखने और गुंजाइश का द्वार खोलता है। यह उन्हें शारीरिक और मानसिक विकास का पोषण करने में सहायता करता है, लेकिन खेल में करियर विकसित करने का मौका भी प्रदान करता है क्योंकि आज हमने विराट कोहली, सानिया मिर्जा, साइना नेहवाल, साक्षी मलिक, विजेंदर सिंह आदि जैसे कई खेल सितारों को देखा है, जिन्होंने खेल को अपना लिया है। बहुत कम उम्र से अपने करियर और अपने सपनों का पीछा किया। इस प्रकार, खेलों में भागीदारी हमेशा व्यक्ति के विकास और प्रतिभा को जोड़ती है।
#SPJ2