खिलौने वाले का अधूरा वाक्य क्या था? उसको सुनने पर युवतियों तथा बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता था?
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खिलौने वाला मधुर-मादक स्वर में विचित्र ढंग से गली में आवाज लगाता था- ‘बच्चों को बहलाने वाला खिलौने वाला उसका स्वर सुनकर युवतियाँ बच्चों को गोद में लेकर, चिक उठाकर छज्जों से गली में झाँकने लगती थीं। बच्चे उसकी आवाज सुनकर दौड़कर उसको घेर लेते थे। वे तोतली बोली में उससे खिलौनों का मोलभाव करते थे।
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प्रस्तुत कहानी में खिलौने वाले का किरदार फेरीवाले जैसी है। वह सड़क पर बच्चों के लूभावने वाले खिलौने वाले खिलौने सड़क पर बेचता है। उनके बोलने का स्वर "खिलौने वाला आया बच्चों के छोटे-छोटे खिलौने लेकर आया"
बच्चों से बहुत प्यार करता था। खिलौने को सस्ते दामों में उन्हें देता।उनका यह स्वभाव बच्चों को उसकी ओर आकर्षित करता था। आस - पास की यूवतियां उनसे इस कदर लुभाभित की वह उनके अधुरी आवाज पर ही अपने छत पर खड़े होकर उनसे बातें करती।
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