Hindi, asked by Adityasharma9596, 6 hours ago

“खुलशयााँ बाोंटने से बढ़ती हैऔर दुख बाोंटनेसेकम ह ता है

” लगभग 50 , 60 शब्द​

Answers

Answered by Parinisharma
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Explanation:

हमारे यहां दान की परंपरा यानी देने का सुख प्राचीन काल से चला आ रहा है। कहा जाता है कि घर की तिजोरी में बंद पड़ा धन अगर किसी की सेवा में, सहायता में, स्कूल व अस्पताल बनाने में, किसी भूखे को भोजन देने में खर्च कर दिया जाए तो उससे बढ़कर धन का और कोई इस्तेमाल नहीं हो सकता।

कोलंबिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि चाहे खर्च की गई रकम छोटी ही क्यों न हो, व्यक्ति को प्रसन्न बनाती है। शोध में वे कर्मचारी ज्यादा खुश पाए गए जो बोनस की सारी रकम खुद पर खर्च करने के बजाय कुछ रकम दूसरों पर भी खर्च करते हैं। खुश रहने की अनिवार्य शर्त यह है कि आप खुशियां बांटें। खुशियां बांटने से बढ़ती हैं और दुख बांटने से घटता है। यही वह दर्शन है जो हमें स्व से पर-कल्याण यानी परोपकारी बनने की ओर अग्रसर करता है। जीवन के चौराहे पर खड़े होकर यह सोचने को विवश करता है कि सबके लिए जीने का क्या सुख है? मनुष्य के समाज के प्रति उसके कुछ कर्तव्य भी होते हैं। सबसे बड़ा कर्तव्य है एक-दूसरे के सुख-दुख में शामिल होना और यथाशक्ति सहायता करना। संतों ने इसकी अलग-अलग प्रकार से व्याख्या की है। नीतिकारों का कहना है-धन कमाने में इन हाथों से कई तरह के पाप करने पड़ते हैं, परंतु यदि हाथों से दान कर दिया जाए तो वह पाप धुल जाता है। हाथ की शोभा गहनों और कीमती हीरे की घड़ियों से नहीं है, परंतु दान से मानी गई है। हाथ का आभूषण कंगन नहीं दान है। कंठ का आभूषण हार नहीं सत्य है। कानों के आभूषण कुंडल नहीं शास्त्र हैं।

यदि आपके पास ये सच्चे आभूषण हैं तो फिर आपको कंगन, हार और कुंडल के झूठे आभूषणों की कोई जरूरत नहीं है। इन हाथों की शोभा दान से होती है। इसीलिए दान उत्सव मनाया जाता है। दान देने से, सेवा करने से, हाथों में जो महान शक्ति पैदा होती है, वह अद्भुत है। ईसा, मुहम्मद साहब, गुरु नानकदेव, बुद्ध, कबीर, गांधी, सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह, आचार्य तुलसी और हजारों-हजार महापुरुषों ने हमें जीवन में खुश, नेक और नीतिवान होने का संदेश दिया है। इनमें से किसी की परिस्थितियां अनुकूल नहीं थीं। हर किसी ने मुश्किलों से जूझकर उन्हें अपने अनुकूल बनाया और जन-जन में खुशियां बांटीं। इतिहास ऐसे महान और परोपकारी महापुरुषों के उदाहरण से समृद्ध है, जिन्होंने परोपकार के लिए अपने अस्तित्व और अस्मिता को दांव पर लगा दिया।

Answered by saditya13929
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Answer:

ही दुखद बात (Bahut hi dukhad bat) meaning in English (इंग्लिश मे मीनिंग) is A BAD DREAM (बहुत ही दुखद बात ka matlab english me A BAD DREAM hai). Get meaning and translation of Bahut hi dukhad bat in English language with grammar, synonyms and antonyms. Know the answer of question : what is meaning of Bahut hi dukhad bat in English? बहुत ही दुखद बात (Bahut hi dukhad bat) ka matalab Angrezi me kya hai ( बहुत ही दुखद बात का अंग्रेजी में मतलब, इंग्लिश में अर्थ जाने)

Tags: English meaning of बहुत ही दुखद

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