Hindi, asked by jeetuverma13jp, 1 year ago

खोलत नाहिं सुधा रस भीने meaning

Answers

Answered by yogesh2191
8
jisko kolane se asanse mil jay
Answered by anmoldwivedi123
8
कछु भाभी हमको दियो, सो तुम काहे न देत।
चाँपि पोटरी काँख में, रहे कहो केहि हेतु॥
आगे चना गुरुमातु दए ते, लए तुम चाबि हमें नहिं दीने।
स्याम कह्यो मुसकाय सुदामा सों, "चोरी की बान में हौ जू प्रवीने।।
पोटरि काँख में चाँपि रहे तुम, खोलत नाहिं सुधा रस भीने।
पाछिलि बानि अजौ न तजो तुम, तैसई भाभी के तंदुल कीन्हे॥"

सुदामा के स्वागत सत्कार के बाद कृष्ण उनसे हँसी मजाक करने लगे। सुदामा ने कहा कि लगता है भाभी ने मेरे लिये कोई उपहार भेजा है। उसे तुम अपनी बगल में दबाए क्यों हो, मुझे देते क्यों नहीं? तुम अभी अभी अपनी हरकतों से बाज नहीं आओगे। बचपन में जब गुरुमाता हमारे लिये चने देती थी तो सारा तुम हड़प जाते थे। उसी तरह से आज भी तुम भाभी के दिये हुए चिवड़े को मुझसे छुपा रहे हो।
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