(ख) मित्र सच्चे पथ-प्रदर्शक के समान होना चाहिए, जिस पर
हम पूरा विश्वास कर सके, भाई के समान होना चाहिए,
जिसे हम अपना पोति पात्र बचा सके । हमारे और हमारे
चित्र के बीच सच्ची सहानुभूति होनी चाहिए - ऐसी
सहानुभूति, जिससे एक के हानि-लाप को दूसरा अपना
हाचि-लाभ समझे। चित्रता के लिए यह आवश्यक रही
हो रुचि के हो। इसी प्रकार एकति और आचरण की
समाचता भी आवश्यक या बाहनीय नहीं है। दो भित्र
प्रकृति के मनुष्यों में बराबर पोति और मित्रता रही है।
0 उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
(1) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(m) सच्चा मित्र कैसा होना चाहिए?
Answers
0 उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
उत्तर : उपर्युक्त गद्यांश मित्रता पाठ से लिया गया है | यह पाठ आचार्य रामचन्द्र शुक्ल द्वारा लिखा गया है | गद्यांश में एक सच्चे मित्र का वर्णन किया गया है |
(1) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
उत्तर : गद्यांश में एक सच्चे मित्र के बारे में बताया गया है | एक सच्चा मित्र एक भाई के समान होता है | जिस पर हम विश्वास कर सके | हमेशा सुख और दुःख में साथ दे | आपस में एक दूसरे के लिए सहानुभूति रखे | एक दूसरे की भावनाओं को समझे |
(m) सच्चा मित्र कैसा होना चाहिए ?
उत्तर : सच्चा मित्र वही होता है , जो एक सच्चे पथ-प्रदर्शक के समान होता है | जिस पर हम विश्वास करते है | सारी दुनिया एक साथ हो और दोस्ती एक तरफ़ हो जो किसी के भी आने से न टूटे | हमें अपने सबसे अच्छे दोस्त को कभी नहीं खोना चाहिए हर मुसीबत में साथ रहना चाहिए |